अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या जिला और मेडिकल अस्पताल समेत शहर के निजी अस्पताल में वायरल बुखार के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सरकारी हो या प्राइवेट, सभी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इनमें से कई मरीजों की मलेरिया या टाइफाइड समेत खून की सभी जांच ठीक थी, लेकिन उनकी प्लेटलेट्स तेजी से घट रही थी। सीएमओ डाॅ. राजकुमार का कहना है कि इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। मरीज को ऐसी अवस्था में पानी की मात्रा अधिक लेनी चाहिए। वायरल की चपेट में आने वाले मरीजों के हाथ-पैरों में दर्द होता है।
देखें वीडियो: सरकारी अस्पताल में पोलियो ग्रस्त महिला को नहीं मिली व्हीलचेयर, रेंगते हुए गई डॉक्टर को दिखाने सामान्य बुखार में भी घट जाती हैं प्लेटलेट्स सीएमओ ने बताया कि बुखार अगर तीन दिन में दवा के बाद भी ठीक न हो तो डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया की जांच कराएं। सामान्य बुखार में भी प्लेटलेट्स घट जाती हैं। प्लेटलेट्स कम होने का मतलब डेंगू, चिकनगुनिया या मलेरिया से नहीं है। डेंगू की एलाइजा टेस्ट के लिए मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबॉयलॉजी विभाग की लैब को अधिकृत किया गया है। इस लैब में दूसरे जिलों से भी खून के सैंपल जांच के लिए आ रहे हैं।
गठित की गईं टीमें डॉ. राजकुमार चौधरी ने बताया कि मलिन बस्ती व घनी आबादी में टीम पहुंचकर सर्वे कर रही है। पिछले सोमवार को डेंगू का एक केस मिलने के बाद मलेरिया अधिकारी ने सभी अपर मलेरिया अधिकारी, इंस्पेक्टर और सुपरवाइजरों की टीम बुलाई और कॉलोनी का दोबारा सर्वे करने के निर्देश दिए।
ऐसे करें बचाव सीएमओ डाॅ. राजकुमार के अनुसार, डेंगू का मच्छर अधिकतम 3.5 फुट की ऊचाई से अधिक नहीं उड़ पाता है। यह अधिकांश पैरों में काटता है, इसलिए पैरों का ढककर रखना चाहिए। पैरों या शरीर पर नारियल का तेल लगा लिया जाएगा तो यह कोटिंग का करता है। इससे मच्छर के काटने का असर नहीं पड़ता है। साथ ही कूलर को सप्ताह में दो बार साफ करें। जहां पर कूलर साफ करना संभव न हो, वहां कूलर में एक चम्मच डीजल, पेट्रोल या मिट्टी का तेल नियमित रूप से डालें। घर और आसपास पानी एकत्र न होने दें। रुके हुए पानी के स्थान पर मिट्टी भर दें। यदि मिट्टी भरना संभव न हो तो कुछ बूंद मिट्टी का तेल या डीजल डाल दें। सोते समय मच्छर दानी या मच्छर भगाने की क्रीम, मेट या रिफल का प्रयोग करें। पानी के बर्तन या टंकी ढककर रखें। तेज बुखार होने पर चिकित्सक से संपर्क करें। डेंगू का शक होने पर एलाइजा टेस्ट जरूर कराएं।
2017 के आंकड़ों पर एक नजर अगस्त 2017 से लेकर अक्तूबर 2017 तक की रिपोर्ट में किसी भी सामान्य बुखार के मरीजों की संख्या 42678 थी। वर्ष 2017 में सरकारी आंकड़ों के अनुसार, उस दौरान डेंगू के मरीजों की संख्या 660 रही। इसमें किसी मरीज की कोई मौत नहीं हुई थी। पिछले साल स्वास्थ्य विभाग ने 610 शिविर लगाए थे।