एलेग्जेंडर एथलेटिक क्लब में हर साल की तरह सदस्यों और अतिथियों के लिए दीपावली मेले का आयोजन किया गया। कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित इस मेले में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। लेकिन, जैसे ही रात के ११ बजे लोगों ने जमकर आतिशबाजी करनी शुरू कर दी। सबसे आश्चर्य की बात यह थी कि इस कार्यक्रम में पूरा पुलिस महकमा मौजूद था, क्योंकि इस क्लब के अध्यक्ष खुद डीएम हैं। इसके बावजूद, सब खड़े होकर आतिशबाजी का लुत्फ उठा रहे थे, लेकिन किसी ने रोकना मुनासिब नहीं समझा। लेकिन, सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि बैन के बावजूद इतने सारे पटाखे आए तो आए कहां से और पुलिस प्रशासन ने न तो किसी आतिशबाजी करने से रोका और न ही यह पता लगाने की कोशिश की इन पटाखों की खरीद-ब्रिक कहां से हुई है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि दिल्ली-एनसीआर में किसी भी सूरत में पटाखों की बिक्री नहीं होगी। इसके पीछे कोर्ट की मंशा सीधे तौर पर प्रदूषण को रोकना था। फिर बाद में कोर्ट ने अपने आदेश का संसोधन करते हुए ये राहत दी थी कि जो पटाखे खरीद चुका है, वो रात्रि 11 बजे तक चला सकता है। लेकिन, इस क्लब के मामले में दोनो ही आदेशों को दरकिनार कर दिया गया है।