ग्रेटर नोएडा। दादरी कस्बे में मंगलवार को बिना अनुमति के प्राइवेट लैब द्वारा कोरोना वायरस की वैक्सीन का ट्रायल करने के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। जांच में बता चला है कि लैब का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया था और लैब द्वारा 19 लोगों को समय सीमा का पालन न करते हुए कोरोना की दो डोज एक साथ ही दे दी गई। स्वास्थय विभाग द्वारा टीका लगवाने वाले सभी लोगों की पहचान कर ली गई है। बताया जा रहा है कि इनमें 15 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल हैं और 19 लोगों में ज्यादातर दो परिवारों से ही जुड़े हुए लोग हैं। इस मामले में स्वास्थिय विभाग की शिकायत पर पुलिस ने सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। जिनमें से चार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जबकि अन्य की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है।
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विशालकाय पेड़ पर फंसे बाज को बचाने के लिए जुट गई सेना, मामला जानकर करेंगे सलाम बता दें कि मंगलवार को दादरी स्थित गोपाल पैथ लैब में अवैध रूप से कोराना वायरस वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा था। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक नारी रक्षा दल के बैनर तले जायड्स-कैडिला कंपनी की जायकोव-डी वैक्सीन का टीका यहां मुफ्त में लगाया जा रहा था। इसकी सूचना किसी ने सोशल मीडिया पर डाल दी। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम पुलिस के साथ मौके पर पहुंची और चार लोगों को टीकाकरण करते हुए पकड़ा। चारों ने स्वंय को क्लीनिकल रिसर्च को-आर्डिनेटर बताया था। इन्होंने गाजियाबाद स्थित फ्लोरेस अस्पताल और कंपनी के बीच करार की बात बताई। लेकिन इस संबंध में दस्तावेज नहीं दिखा सके। यह भी देखें: मेरठ में दो घंटे चला सेना का आपरेशन ईगल उधर, घटना के बाद से लैब संचालक फरार है। जिसकी तलाश में पुलिस जुटी है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से फ्लोरेस हॉस्पिटल के प्रशासनिक अधिकारी महेश चौधरी समेत सात लोगों के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इनमें से चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया है। अन्य की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ डॉ दीपक ओहरी ने बताया कि एक साथ दोनों डोज देना स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है। इस वैक्सीन का ट्रायल भी नहीं हुआ है। जिसके चलते इसके दुष्परिणाम बेहद चिंताजनक हो सकते हैं। सामान्यतः वैक्सीन के दोनों खुराक में 28 दिन का अंतर रखा जाना जरूरी है।