स्थापित होगी प्रयोगशाला, संग्रहालय की जमीन चिह्नित शीघ्र ही यहां पर प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी, जिसमें परीक्षण कर अवशेषों की कार्बन डेटिग से प्राचीनता की जांच की जाएगी। वहीं राष्ट्रीय संग्रहालय के लिए जमीन की तलाश कर ली गई है बस उस पर मुहर लगनी बाकी है। यह साइट पांडव टीले के बिल्कुल समीप होगी। एसडीएम मवाना अमित कुमार गुप्ता ने बताया कि पांडव टीले के समीप ही राष्ट्रीय संग्रहालय बनाने के लिए जमीन की तलाश तेज कर दी गई है।
यह भी पढ़े : आईकोनिक साइट के रूप में विकसित होगा हस्तिनापुर,बनेगा महाभारत कालीन म्यूजियम एएसआइ के अधीक्षण पुरातत्वविद डीबी गड्नायक ने बताया कि यहां पर उत्खनन के दौरान बहुत सी ऐसी चीजें मिली हैं। जिनको जांच के लिए भेजा गया है। हालांकि प्राप्त अवशेष महाभारत कालीन ही हैं। इसकी पुष्टि हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि अभी उत्खनन का कार्य जारी रहेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि उत्खनन कार्य में अभी और बहुत कुछ बाहर आ सकता है। जिससे महाभारत के इतिहास और उस दौरान रहन सहन को जानने के बारे में जानकारी मिलेगी।