डा0 कंचन सिंह ने कहा कि आने वाले दिनों में भूमंडल की जलवायु पर इस युद्ध का असर देखने को मिलेगा। उन्होंने बताया कि रूस और यूक्रेन युद्ध से भूमंडल का तापमान धीरे—धीरे बढ़ रहा हैं। कई टन बारूद वाली मिसाइलें और गोला—बारूद प्रतिदिन एक—दूसरे की सेना पर छोड़ा जा रहा है। जिससे इसका असर मौसम पर भी पड़ रहा है। रूस और यूक्रेन दोनों ही ठंडे देश हैं। लिहाजा वहां पर इसका असर कम और गर्म देश जैसे भारत, पाकिस्तान, चीन, श्रीलंका, बांग्लादेश आदि पर इसका असर अधिक पड़ेगा। उन्होंने संभावना जताई कि इस युद्ध से मौसम के हालात काफी बदलेंगे। जिससे गर्मी इस बार काफी बढ़ेगी।
यह भी पढ़े : Chaitra Navratri 2022 : कर्ज से मुक्ति पाने के लिए आज शैलपुत्री को इस फल के साथ लगाए पान का भोग बढ रही गर्मी से बदल रहे हालात वहीं कृषि अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ कृषि मौसम वैज्ञानिक डा0 एन सुभाष ने बताया कि अभी गर्मी से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है। इस समय तापमान में बढ़ोत्तरी जारी है। तापमान में बढ़ोत्तरी का असर मौसम पर पड़ रहा है। जिससे गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है। यह हालात अभी ऐसे ही बने रहेंगे। उन्होंने बताया कि इस समय दूर—दूर तक बारिश की संभावना भी दिखाई नहीं देती। जिससे कि बारिश से तापमान में कुछ परिवर्तन की संभावना दिखाई दे।