इसलिए नहीं हुआ था समझौता छानबीन में जो बातें सामने आ रही हैं, उसमें सपा कार्यकर्ता बलविन्द्र व भोलू के पिता नरेंद्र की हत्या के बाद सौबीर, मांगे, गोलू पक्ष के लोग गोलू व उसकी मां पर समझाैते का दबाव डाल रहे थे, क्योंकि ये दोनों चश्मदीद गवाह थे। दोनों को गुरुवार को गवाही देनी थी। सौबीर नरेंद्र की हत्या के कारण जेल में है। करीब दो महीने समझौते की कोशिश की गर्इ थी। इसमें वेस्ट यूपी के बड़े बदमाश को बीच में लाया गया, क्योंकि मामला एक ही परिवार के दो पक्षाें के भार्इ-भार्इ का था। इसके लिए 15 लाख रुपये आैर शपथ पत्र की बात रखी गर्इ थी। साथ ही यह भी बात रखी गर्इ कि सौबीर व मांगे पक्ष के लोगों को सबके सामने माफी मांगनी होगी, यहीं से मामला उलझता चला गया। दरअसल, वेस्ट यूपी बड़ा गिरोह चलाने वाला यह बदमाश दोनों पक्षों का रिश्तेदार है। समझौते की बात आगे नहीं बढ़ पायी आैर फिर मां-बेटे की हत्या की प्लानिंग बनार्इ गर्इ।
तीसरे का पता नहीं मांगे, उसके भांजे गोलू व तीसरे हमलावर संजय में से अभी तक गोलू की गिरफ्तारी हो पायी है। तीसरे हमलावर संजय के बारे में अभी तक पुलिस खाली हाथ है, न ही मांगे की गिरफ्तारी हो सकी है। इस संबंध में एसएसपी मंजिल सैनी खुद जांच में जुटी हैं। साथ ही उन्होंने कर्इ टीमें दाेनों की गिरफ्तारी के लिए भेज रखी हैं। क्राइम ब्रांच की टीम ने भी जेल में सौबीर से पूछताछ की है, लेकिन पुलिस को अभी तक सफलता नहीं मिली है।