यह भी पढ़ें
यूपी का ऐसा गांव जहां घुसने से हिचकती है खाकी भी
यह बात इस्लामिक विद्धान मौलाना शाहीन चतुर्वेदी ने कही है। सदर में आयोजित मजलिश में उन्होंने खिताब करते हुए कहा कि वास्तव में पैगम्बर ने बहुलवाद प्रजातंत्र और शांतिपूर्ण सह अस्तित्व का समर्थन किया था। जिसे दारूल इस्लाम बार-बार प्रमाणित करते हैं। हिंसा और घृणा का प्रचार अतिवादियों और आतंकवादियों द्वारा निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए किया जा रहा है। पैगम्बर ने खुद को शांति एवं सदभावना के लिए घोषित किया था उन्होंने कहा कि जो उनके द्वारा किए गए पहल जैसे बहुलवाद और वैश्विक भाईचारे के उद्देश्य से मिश्क ए मदीना के बीच समझौते से प्रमाणित है। उन्होंने कहा कि एक सच्चा मुसलमान अन्य मुस्लिमों या गैर मुस्लिमों पर कभी भी अत्याचार तथा मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं करेगा। मुस्लिम के साथ-साथ सभी गैर मुस्लिम भी मदीना में पूरी सुरक्षा धार्मिक स्वतंत्रता और प्रजातान्त्रिक अधिकारों के साथ रहते थे। यह भी पढ़ें