भ्रामक मैसेज करते हैं नुकसान डा. सत्यप्रकाश का कहना था कि इस तरह के झूठे और भ्रामक मैसेजों को सच मानने वाले नुकसान उठाते हैं, क्योंकि इन मैसेज में कोई सत्यता नहीं होती। आजकल सभी सरकारी जीओ साइट पर आते हैं, उनमें किसी अधिकारी के साइन भी नहीं होते। इस कारण ऐसे जीओ को फर्जी बनाने के लिए किसी खास चीज की आवश्यक्ता नहीं होती है। कई बार अवकाश के फर्जी मैसेज आने से कर्मचारी अवकाश लेकर घर बैठ जाते हैं। जिससे उनकी अनुपस्थिति दर्ज हो जाती है।
भ्रामक मैसेज पर रोक और हो कार्रवाई ‘पत्रिका’ ने रियल्टी चेक में कई अन्य लोगों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि गजेटेड अवकाश से अलग अन्य पर्वों को लेकर एक दिन पहले से गलत मैसेज आने लगते हैं। इन पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। इससे लोगों को नुकसान उठाना पड़ता है। इन्होंने कहा कि ऐसे भ्रामक मैसेजों की जांच जरूरी है। इसके लिए विभिन्न विभागों को अपने यहां विशेष निगरानी रखने की जरूरत है, ताकि इन गलत मैसेजों को रोका जा सके।