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बता दें कि कोरोना संक्रमण काल में कई लोगों को अंतिम समय मे अपने प्रियजनों के दर्शन भी नहीं हुए। अस्पताल से सीधे सूरजकुंड स्थित शमशान घाट पर कोविड नियमों का पालन करते हुए शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। ऐसे में कई मृतकों की अस्थियां भी मोक्ष के इंतजार में हैं। करीब 50 अस्थि कलश मेरठ श्मशान घाट पर रखे हैं। जिनको उनके परिवार के लोगों ने बाद में लेने आने की बात कही है। बनाया गया है अस्थि घर सूरज कुंड स्थित शमशान घाट पर ऐसे अस्थि कलश रखने के लिए अस्थिघर बनाया गया है। प्रबंधकों ने सभी अस्थि पर मृतक का नाम और पता लिख कर रखा है। परिजनों के आने पर ये अस्थि कलश उनके सुपुर्द किया जाता है। पिछले साल भी सूरज कुंड स्थित श्मशान घाट पर कई परिवार मृतकों के अस्थि कलश लेने नहीं आए। इसके बाद कुछ सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से सभी अस्थि कलश गढ गंगा में प्रवाहित की गई थी। समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि अगर इस बार भी अस्थि कलश रह जाते हैं तो विधिविधान के साथ फूलों को प्रवाहित कराया जाएगा।
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