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कोरोना का खौफ: अंतेष्ठी के बाद मोक्ष का इंतजार कर रही अस्थियां, परिजन नहीं आ रहे लेने

locationमेरठPublished: Apr 23, 2021 05:12:15 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

कोरोना संक्रमण के कारण परिजन नहीं लेने जा रहे फूल। शमशान घाट पर मृतक के नाम की चिट के साथ रखी हैं अस्थियां। 6—8 घंटे के इंतजार के बाद आ रहा शवों के मुखाग्नि का नंबर।

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क

मेरठ। सूरजकुंड स्थित मोक्षस्थली पर इस समय बहुत बुरा हाल है। शवों को मुखाग्नि के लिए 6 से 8 घंटे के बाद नंबर आ रहा है। वहीं जिन शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है, उनके अस्थि रूपी फूल मोक्ष का इंतजार कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण या अन्य वजह से काल के गाल में समा गए लोगों की अस्थियां अभी गंगा में प्रवाहित होने का इंतजार कर रही हैं। कोरोना संक्रमण के कारण बहुत से परिजन अस्थि रूपी फूल को लेने के लिए नहीं रहे हैं। श्मशान घाट पर प्रबंधकों ने मृतक के नाम की चिट के साथ इन अस्थियों को रखा है।
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बता दें कि कोरोना संक्रमण काल में कई लोगों को अंतिम समय मे अपने प्रियजनों के दर्शन भी नहीं हुए। अस्पताल से सीधे सूरजकुंड स्थित शमशान घाट पर कोविड नियमों का पालन करते हुए शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। ऐसे में कई मृतकों की अस्थियां भी मोक्ष के इंतजार में हैं। करीब 50 अस्थि कलश मेरठ श्मशान घाट पर रखे हैं। जिनको उनके परिवार के लोगों ने बाद में लेने आने की बात कही है।
बनाया गया है अस्थि घर

सूरज कुंड स्थित शमशान घाट पर ऐसे अस्थि कलश रखने के लिए अस्थिघर बनाया गया है। प्रबंधकों ने सभी अस्थि पर मृतक का नाम और पता लिख कर रखा है। परिजनों के आने पर ये अस्थि कलश उनके सुपुर्द किया जाता है। पिछले साल भी सूरज कुंड स्थित श्मशान घाट पर कई परिवार मृतकों के अस्थि कलश लेने नहीं आए। इसके बाद कुछ सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से सभी अस्थि कलश गढ गंगा में प्रवाहित की गई थी। समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि अगर इस बार भी अस्थि कलश रह जाते हैं तो विधिविधान के साथ फूलों को प्रवाहित कराया जाएगा।
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10 से 15 दिन में आ रहे हैं लोग

सूरजकुंड से मृतकों के अस्थि कलश लेने के लिए कई लोग 10 से 15 दिन में आ रहे हैं। ऐसे में मृतकों के नाम की चिट देखकर उनको कलश दे दिया जाता है। बताया जा रहा है कि संक्रमण के डर से लोग देरी से अस्थि कलश लेने आ रहे हैं।

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