पंचायत में वार्ड के आरक्षण में प्रशासन पर मनमानी और इसको अनुचित बताते हुए हस्तिनापुर की ब्लाक प्रमुख कुसुम सिद्धार्थ ने इसको चुनौती देने की बात कही है। उन्होंने यह भी कहा कि आरक्षण की इस सूची पर प्रशासन और जिला पंचायत विभाग फिर से विचार करें। कुसुम सिद्धार्थ ने मीडिया को जारी विज्ञप्ति में कहा है कि हस्तिनापुर क्षेत्र पंचायत के आरक्षण में वार्ड-01 से 12, 20, 21, 24 और 49 से 59 तक के वार्डों को अनारक्षित घोषित किया गया है। इसी तरह वार्ड-13 से 19, 22, 23 और 25 से 48 तक के वार्डों को पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। जारी आरक्षण सूची में महिला(सामान्य), अनुसूचित जाति, अनुसूचित जाति(महिला), पिछड़ा वर्ग(महिला) की उपेक्षा करते हुए एक भी वार्ड आरक्षित नहीं किया गया है। जिला पंचायत के कुल 33 वार्डो में से 13 वार्डो को अनारक्षित घोषित किया गया है।
यह भी देखें: 11 माह बाद खुले स्कूल छात्र-छात्राओं का शिक्षकों ने ऐसे किया स्वागत पूर्व जिला पंचायत अध्यक्षों के वार्ड से कोई छेड़छाड़ नहीं :— पूर्व जिला पंचायत अध्यक्षों के वार्ड से कोई छेड़छ़ाड़ नहीं की गई। ऐसे में जारी आरक्षण सूची पर आपत्ति जताने के लिए दावेदारों को हवा मिल गई है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कुलविंद सिंह का वार्ड एक अनारक्षित और पूर्व अध्यक्ष सीमा प्रधान का वार्ड 2 पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुआ है। पर भी हस्तिनापुर की ब्लाक प्रमुख ने सवाल उठाया है। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ चुकी सपना हुड्डा का वार्ड अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने से उनको झटका लगा है। बता दें कि सपना के पति का भाजपा के एक विधायक से भी विवाद रहा था। विवाद का कारण भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव ही बना था। डॉ. मीनाक्षी भराला का वार्ड 14 सामान्य महिला के लिए आरक्षित हुआ है। इससे वहां पर भाजपा की राह कठिन हो गई है।