यह भी पढ़ें- सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों के जींस और टी-शर्ट पहनने पर लगा प्रतिबंध, लागू हुआ ये ड्रेस कोड दिल्ली और मेरठ के शुरुआत से ही एक्सप्रेसवे मुख्य कॉरिडोर में दोपहिया का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। तेज रफ्तार एक्सप्रेसवे पर दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा के मद्देनजर इसे लागू किया जा रहा है। बता दें कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस चार खंडों में बंटा हुआ है। चार खंडों में पहला खंड निजामुद्दीन से यूपी गेट आठ किलोमीटर, दूसरा खंड यूपी गेट से डासना 19 किलोमीटर, तीसरा खंड डासना से हापुड़ 22 किलोमीटर व चौथा खंड डासना से मेरठ तक 32 किमी का है। डासना तक 14 लेन हैं और इसके बाद 6 लेन। इस एक्सप्रेस वे के निर्माण की लागत 7 हजार करोड़ रुपये है। एक्सप्रेस-वे का के चारों खंडों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इस पर अब वाहन दौड़ने लगे हैं।
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर लगी थी पाबंदी उल्लेखनीय है कि इससे पहले ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर भी दोपहिया वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया था। हालांकि इस पर दोपहिया वाहन चालकों की खूब आवाजाही होती है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर घुसने और निकलने के स्थान बहुत सीमित होने के कारण दोपहिया चालकों को एक्सप्रेसवे पर आवाजाही की मनाही होगी। निजामुद्दीन से डासना तक दोपहिया चालक आसानी से एक्सप्रेस वे के साथ बने हाइवे पर चल सकते हैं, लेकिन डासना से जैसे ही एक्सप्रेस वे मेरठ के लिए आगे बढ़ेगा उस पर दोपहिया वाहनों का प्रवेश नहीं होगा।