इसके लिए जिला स्तर पर तीन सदस्यों की नोडल समिति का गठन किया जाएगा। समिति में अपर पुलिस अधीक्षक सदस्य व जिला आबकारी अधिकारी संयोजक के रूप में होंगे। यदि मिथाइल अल्कोहल के उत्पादन के लिए बिना लाइसेंस के कोई कारोबार करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। टैंक व कंटेनरों पर स्पष्ट रूप से मिथाइल अल्कोहल अंकित किया जाएगा। टैंकरों में विषैला पदार्थ लिखने का निर्देश दिया गया है।
अजीवन कारावास और 10 लाख का जुर्माना अगर कहीं नशीले पदार्थ का अवैध निर्माण हो रहा है। तो उस क्षेत्र का लेखपाल या चौकीदार उसकी सूचना मजिस्ट्रेट या आबकारी विभाग, पुलिस, राजस्व विभाग के किसी अधिकारी को तुरंत देगा। अगर हानिकारक पदार्थ बेचता है और उसके सेवन से किसी की मृत्यु होती है तो संबंधित व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा तथा 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।