scriptGround Report: लॉक हुआ अनलाक, लेकिन वेंटिलेटर पर पड़े कारोबार को कैसे मिलेगी सांस! | Ground report on businesses facing loss due to lockdown of 5 month | Patrika News
मेरठ

Ground Report: लॉक हुआ अनलाक, लेकिन वेंटिलेटर पर पड़े कारोबार को कैसे मिलेगी सांस!

Highlights
-अनलाक हुए शहर में व्यापार नहीं पकड़ रहा रफ्तार
-कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन में बोल्ड हुई इंडस्टी वेंटिलेटर पर
-व्यापारी से लेकर मजदूर तक लॉकडाउन में मिले जख्मों से कराह रहा

मेरठSep 05, 2020 / 04:16 pm

Rahul Chauhan

total lockdown for 2 days in dabra,total lockdown for 2 days in dabra

डबरा में शनिवार-रविवार को रहेगा टोटल लॉकडाउन, सोमवार से नया नियम लागू,डबरा में शनिवार-रविवार को रहेगा टोटल लॉकडाउन, सोमवार से नया नियम लागू

मेरठ। पहले नोटबंदी फिर मंदी उसके बाद कोरोना संक्रमण के चलते लाकडाउन और अब देश की घटती जीडीपी दर। कुल मिलाकर ये कुछ ऐसे कारक हैं जिनकी वजह से आज मेरठ की व्यापार इंडस्ट्री पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। करीब 5 महीने के लॉकडाउन ने मेरठ के इस परंपरागत व्यापार की गति को रोक सा दिया है। उद्योग व्यापार से लेकर हर प्रकार के काम से जुडे़ लोग अब लॉकडाउन के बाद अपने जीवन को वापस पहले की तरह पटरी पर लाने की जद्दोजहद और मंथन में जुटे हैं।

व्यापारियों को सरकार से आस

आईआईए के चेयरमैन अनुराग अग्रवाल कहते हैं कि लॉकडाउन के कारण उद्योग और व्यापार को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। शहर की बड़ी इंडस्ट्रीज से लेकर छोटे उद्योग, बाजार, दुकानें यहां तक ठेलों पर अपना कारोबार करने वाले हर छोटे व्यापारी को यह लॉक डॉउन भारी नुकसान देकर गया। आंकलन नहीं है कि कारोबार को इस लॉक डॉउन से कितनी क्षति हुई है। लेकिन इन पांच महीनों में नुकसान अरबों में है।
कुछ रियायतें जो देंगी राहत

व्यापारी सरकार से अपने नुकसान की भरपाई नहीं बस एक्स्ट्रा चार्ज की रियायत की उम्मीद लगाए हुए है ताकि इस नुकसान को कम करने में उन्हें सरकार की तरफ से थोड़ी राहत मिल जाए। जिला उद्योग की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018 में 900 करोड़ रुपए का एमओयू साइन किया गया। प्रशासनिक अधिकारियों के दौरे हुए।औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने मेरठ में उद्यमियों के साथ बैठक करते हुए नए औद्योगिक प्लाटों को चिन्हित करने के लिए कहा था। लेकिन उद्योगों की डगर पर मेरठ एक कदम नहीं बढ़ा। मेरठ के नए प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा ने भी सभी विभागों की बैठक लेते हुए इन्वेस्टर्स समिट की पड़ताल भी की।
होटल एंड रेस्टोरेंट

लॉकडाउन के कारण शहर का होटल, रेस्टोरेंट और विवाह मंडप कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। शादियों का सीजन है ऐसे में साल के छह माह की आय इन दो माह में मंडप व होटल आर्नर को होती है लेकिन लॉक डॉउन के कारण यह कारोबार पूरी तरह प्रभावित हो चुका है। मंडपों और होटल का टैक्स, बिजली का बिल, कर्मचारियों का वेतन और अन्य खर्चे जारी हैं जबकि कमाई जीरो है ऐसे में होटल व रेस्टोरेंट कारोबारी भी अब सरकार से आस के भरोसे बैठा हुआ है।
होटल एंड रेस्टारेंट एसोसिएशन के महामंत्री विपुल सिंघल कहते हैं कि रेस्टोरेंट कारोबार को लॉक डॉउन के बाद भी समय लगेगा। सोशल डिस्टेंसिंग के कारण ग्राहक रेस्टोरेंट आने में कतरा रहे हैं। वहीं जो नुकसान लॉक डॉउन के दौरान हो रहा है उसकी भरपाई किसी भी स्तर पर होना संभव नही है।
सिनेमा और मॉल्स :-

लॉक डॉउन में शहर के मॉल्स और सिनेमा कारोबार को भारी नुकसान पहुंचा है। अकेले सिनेमा उद्योग 80 से 90 लाख रुपए प्रति माह हुआ है। मॉल्स की बात करें तो उनका नुकसान अब तक 50 से 90 करोड़ में पहुंच चुका है। जिन व्यापारियों ने मॉल्स में दुकानें किराये पर ली हुई थी उनके लिए किराया देना भारी पड़ रहा है। मॉल्स के लिए बिजली का एवरेज बिल बड़ी समस्या बना हुआ है।
सिनेमा एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय गुप्ता के अनुसार लॉक डॉउन में सिनेमा उद्योग को करोडों का नुकसान हो चुका है। यह नुकसान किसी भी स्तर पर पूरा नहीं होगा। लॉक डाउन में लोगों ने मनोरंजन के नए नए साधन ओर ढूंढ लिए हैं।
ट्रांसपोर्ट कारोबार भी प्रभावित

लॉक डॉउन के बाद से शहर का ट्रांसपोर्ट कारोबार पूरी तरह खत्म हो चुका है। करीब 90 हजार ट्रकों के पहिए पूरी तरह थम गए हैं। कारोबारियों के मॉल से लदे हुए ट्रक अन्य प्रदेशों में खडे़ रहे जिसके बाद ड्राइवर व हेल्पर भी गाड़ी छोड़कर जा चुके हैं। ऐसे में मॉल का नुकसान तो हो ही रहा है और ट्रांसपोर्टर को टैक्स का बोझ भी पड़ रहा है।
मेरठ का परंपरागत बैंड बाजा कारोबार

18 वीं सदी से मेरठ की पहचान बना बैड बाजा करोबार भी अब कोरोना से बेदम हो चुका है। जो कभी लोगों की महफिल की जान हुआ करते थे वो इस समय बेजान हुए पड़े हैं। बाजा उद्योग पूरी तरह से टूट चुका है। नादिरअली एंड कंपनी की फैक्ट्ररी मैनेजर आभा शर्मा कहती हैं कि बाजा उद्योग को करोडों की चोट लगी हैं। उन्होंने बताया कि पहले नोटबंदी और अब कोरोना ने बाजार को खत्म कर दिया है।
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