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रावण पर भी GST की मारः कारिगरों की उम्मीदों पर महंगाई ने फेरा पानी

locationमेरठPublished: Sep 30, 2017 09:26:08 pm

Submitted by:

Iftekhar

जीएसटी लगने के बाद से रावण बनाने की लागत में काफी इजाफा हुआ है।

Ravana

मेरठ. भले ही देश में जीएसटी लागू होने के बाद कई वस्तु और सेवा महंगी या फिर सस्ती हो गई हो, लेकिन जीएसटी का असर आम जिंदगी में साफ देखा जा सकता है। चाहे बात जरूरत के सामान की हो या फिर आस्था से जुड़े वस्तु की। सभी पर जीएसटी का मार पड़ रही है। ऐसा ही जीएसटी का असर इन दिनों चल रही राम लीला पर देखने को मिल रहा है।

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दरअसल, माना जाता है कि पेशेवर रामलीला के साथ–साथ गल्ली मौहल्ले की रामलीला के अलावा दशहरे के दिन जगह–जगह रावण के पुतले का दहन किया जाता है। कुछ जगह तो छोट-छोटे बच्चे रावण के पुतले को बनाते देखे जा सकते हैं। लेकिन, बाजार में बिक रहे रावण की काहनी इस बार कुछ अलग ही बंया कर रही है। इस काम से जुड़े लोगों की माने तो जीएसटी लगने के बाद से रावण बनाने की लागत में काफी इजाफा हुआ है। इससे रावण के पुतले की सेल पर भी असर पड़ा है।

बात कागज की करे या फिर गंधक की या फिर इससे जुड़े सामान की, हर चीज पर जीएसटी की मार झेलनी पड़ रही है। यही वजह है कि ग्राहक आता जरूर है, लेकिन दाम सुनकर वापस लौट जाता है। इस काम से बरसों से जुड़े कारिगरों की माने तो जीएसटी नें रावण को महंगा कर दिया है। पहले काफी सामान पर टैक्स नहीं था, लेकिन अब 90 प्रतिशत सामान पर टैक्स है। ऐसे में महंगाई की मार तो पड़नी ही है।
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