मेरठ

Minister Dinesh Khatik Resignation Case : मंत्री दिनेश खटीक ने 42 लाइन के इस्तीफा पत्र में 16 बार ये शब्द लिखकर फोड़ा दलित बम

Minister Dinesh Khatik Resignation Case प्रदेश के जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक के दलित बम से भाजपा हिल गई है। जिस तरह से हस्तिनापुर विधायक ने राज्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर अपने दलित होने और प्रदेश के आलाधिकारियों द्वारा दलितों की कोई सुनवाई नहीं होने की बात कही है। उससे इसका असर भाजपा की दलित राजनीति पर भी पड़ सकता है।

मेरठJul 20, 2022 / 08:01 pm

Kamta Tripathi

Minister Dinesh Khatik Resignation Case : मंत्री दिनेश खटीक ने 42 लाइन के इस्तीफा पत्र में 16 बार ये शब्द लिखकर फोड़ा दलित बम

Minister Dinesh Khatik Resignation Case प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के एक और मंत्री सरकार की कार्यशैली से नाराज हुए और इन्होंने अपना इस्तीफा सीधा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भेज दिया। केंद्रीय गृहमंत्री अमितशाह को इस्तीफा भेजने वाले ये मंत्री और कोई नहीं मेरठ हस्तिनापुर विधानसभा से विधायक दिनेश खटीक हैं। जो वर्तमान में योगी मंत्रिमंडल में जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री हैं। विभाग की कार्यशैली और अधिकारियों की बेरूखी का आरोपी लगाते हुए राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने अपना इस्तीफा ऐसे ही नहीं दिया है। उन्होंने इसके पीछे बहुत बड़ा कारण भी बताया है। योगी के राज्यमंत्री दिनेश खटीक का एक ही दर्द है कि उनको दलित होने की सजा मिल रही है।
दलित होने के कारण ही उनकी विभाग में ना तो अधिकारी सुनते हैं और ना उनको किसी विभागीय बैठक में बुलाया जाता है। जलशक्ति मंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफा देने के बाद से अब योगी कैबिनेट में असंतुष्ट मंत्रियों में भी हौंसला जागा है। बताया जाता है कि योगी सरकार में करीब एक दर्जन राज्यमंत्री ऐसे हैं जो कि सरकार में अपनी उपेक्षा काफी व्यथित हैं। इन राज्यमंत्रियों का भी दर्द हस्तिनापुर विधायक और राज्यमंत्री दिनेश खटीक जैसा ही है। जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफे के पीछे बहुत बड़ा कारण है। खुले पत्र में ही दिनेश खटीक ने लिख दिया है कि वो दलित जाति से हैं। इसलिए विभाग ने उनके साथ भेदभाव किया है। राज्यमंत्री ने अपने पत्र में पूरा दर्द बयां किया है।
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42 लाइन के इस्तीफा पत्र में 16 बार दलित शब्द का उपयोग
उन्होंने अपने पत्र की हर दो लाइन में दलित शब्द का उपयोग कर भाजपा को घेरने की पूरी कोशिश की है। यहीं कारण है कि अपने 42 लाइन के इस्तीफा पत्र में जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने 16 बार दलित शब्द का उपयोग किया है। बता दें वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव हैं। ऐसे में भाजपा किसी भी कीमत पर दलितों को नाराज कर कोई बड़ा जोखिम मोल नहीं लेना चाहती। इस बात को शायद राज्यमंत्री दिनेश खटीक भी बाखूबी जानते हैं। यहीं कारण है कि उन्होंने अपनी बात रखने और इस्तीफे में अपने दलित होने पर ज्यादा जोर दिया। दलित बम फोड़कर उन्होंने भाजपा नेतृत्व के कान खोलने की कोशिश की है। बता दें कि 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में मायावती का कोर वोट बैंक हिन्दू दलित पहली बार बड़ी संख्या में भाजपा को शिफ्ट हुआ था। 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा का वोट शेयर 22.9 प्रतिशत था। जो कि इस चुनाव में मात्र 12.8 प्रतिशत ही रहा। जो कि पिछले चुनाव से 10 प्रतिशत कम रहा। इसी के साथ मायावती का कोर वोट बैंक हिन्दू दलित बड़ी संख्या में भाजपा की ओर डायवर्ट हुआ। भाजपा दलितों के इस वोट बैंक को किसी भी कीमत पर गंवाना नहीं चाहेगी। इसलिए राज्यमंत्री दिनेश खटीक को दिल्ली बुलाया गया और पूरा डैमेज कंट्रोल किया गया। राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने अपने इस्तीफे में करीब हर जगह दलित शब्द का उपयोग कर भाजपा नेतृत्व के साथ ही योगी सरकार को भी घेरने की कोशिश की है। हालांकि अब भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने सब कुछ मैनेज कर लिया है और आल इज ओके की बात कही जा रही है।

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