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हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद महानगर बना भैंसों का तबेला, बेपरवाह अधिकारी

locationमेरठPublished: Mar 03, 2021 01:14:20 pm

Submitted by:

lokesh verma

Highlights- महानगर से बाहर नहीं हो पाई अवैध डेरियां- कोर्ट के आदेश पर खानापूर्ति के लिए चला अभियान- मच्छरों के साथ पनप रही अनेकों बीमारियां

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ. महानगर फिर से भैंसों का तबेला बनता जा रहा है। कुछ दिनों के लिए शहर से बाहर की गईं अवैध तरीके से बनी डेरियां फिर से अपने पुराने स्वरूप में लौट आई हैं। सिस्टम की कमी और अधिकारियों की लापरवाही के कारण इन अवैध डेरियों से महानगरवासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी इन अवैध डेरियों को महानगर से बाहर नहीं किया जा सका है। जबकि इनको शहर से बाहर करने की जिम्मेदारी शासन ने नगर निगम के साथ जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को सौंपी थी। महीनों बीतने के बाद भी प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है।
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खुले में पड़े गोबर के ढेर और गंदगी

शहर के बीचों-बीच घनी बस्तियों में संचालित इन दूध डेरियों से स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खुले मैदानों में पड़े गोबर के ढेरों में मच्छरों के साथ-साथ अनेकों बीमारियां पनप रही हैं। इनको शहर से हटाने की बात तो दूर की बात, नगर निगम अब तक शहर में संचालित दूध डेरियों की सूची तक तैयार नहीं कर पाया है। इतना ही नहीं दुधारू पशुओं के मालिक अपने पशुओं को महानगर की सड़कों पर आवारा छोड़ देते हैं, जिससे राहगीर आए दिन दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं। वहीं पशुओं के गोबर को पशुपालकों द्वारा तबेले के आसपास खुले मैदानों में फेंक दिया जाता है, जिसका सफाई कर्मचारियों द्वारा कभी उठान भी नहीं किया जाता है। इस गोबर में मच्छरों से साथ-साथ अन्य बीमारियां भी पनपने लगती हैं, जिससे स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।
पुराने शहर का बुरा हाल

सर्वाधिक डेरियां जिले के पुराने शहरों के बीचों-बीच हैं। जहां घनी आबादी वाले क्षेत्रों में संचालित हो रही दूध डेरियों के स्वामियों द्वारा गाय व भैंसों का गोबर तबेले के ही आसपास खाली पड़े खुले मैदानों में फेंक दिया जाता है। नगर निगम के सफाई कर्मचारी भी इस गोबर का उठान नहीं करते हैं। इस बारे में नगरायुक्त मनीष बंसल का कहना है कि इन डेरियों को शहर से बाहर करने के लिए मास्टरप्लान तैयार किया जा रहा है। जल्द ही इस पर काम किया जाएगा, जिसके बाद महानगर की सभी डेरियों को बाहर शिफ्ट करवा दिया जाएगा।
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