आंकड़े हैं चौंकाने वाले ‘एजूकेशन हब’ सिटी के लोग प्रत्याशियों के एजूकेशन देखकर इन्हें वोट देते, तो वार्डों में बहुत ज्यादा पढ़े-लिखे पार्षद मिलते और शहर को मेयर भी। लेकिन, परिणाम से तय है कि जन-प्रतिनिधि चुनते समय वोटरों का मापदंड शिक्षा बिल्कुल नहीं रही। मेयर सुनीता वर्मा इंटरमीडिएट हैं। पार्षदों में 90 में से छह ही पोस्ट ग्रेजुएट और एक पीएचडी तक शिक्षा ग्रहण किए हुए हैं। इंटरमीडिएट तक शिक्षा ग्रहण करने वाले 90 में से 68 पार्षद हैं, इनमें 13 निरक्षर, 12 प्राइमरी, 16 जूनियर हार्इस्कूल, 14 हार्इस्कूल व 13 इंटरमीडिएट पास हैं। वैसे नगर निगम के इन 90 वार्डों में कुल 160 निरक्षर उम्मीदवारों ने नामांकन किया था। प्राइमरी से इंटरमीडिएट तक शिक्षा ग्रहण करने वाले पार्षदों की प्रतिशत 75.55 % है। इंटरमीडिएट से ज्यादा शिक्षित 22 पार्षद हैं, इनमें में दो डिप्लोमा धारक पार्षद हैं। यह तस्वीर उस मेरठ शहर की है, जिसे वेस्ट यूपी से लेकर उत्तराखंड तक ‘एजूकेशन हब सिटी’ का दर्जा मिला हुआ है। इस शहर के लोगों की पसंद कम पढ़े-लिखे जन-प्रतिनिधि बन गए हैं, तो हैरत की बात है। ये समाज के बदलते मूल्य का आर्इना है या फिर कम पढ़े-लिखे उम्मीदवार के पैसे की खनक या दबंगर्इ, लोग ज्यादा पढ़े-लिखे उम्मीदवार को जनप्रतिनिधि बनते देखना पसंद नहीं कर रहे। मेरठ नगर निगम चुनाव के जो परिणाम आए, उसमें शिक्षित मेयर व पार्षदों को कम ही पसंद किया है।
25 साल से मेरठ है ‘एजूकेशन हब’ सिटी पिछले 25 वर्षों में मेरठ ‘एजूकेशन हब’ सिटी बनी हुर्इ है। यहां देश के चारों कोने से छात्र-छात्राएं उच्च और टेक्नोलॉजी शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। यहां चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, सरदार वल्लभ भार्इ पटेल कृषि विश्वविद्यालय समेत पांच से ज्यादा विश्वविद्यालय हैं। सीबीएसर्इ, आर्इसीएसर्इ, माध्यमिक विद्यालयों की संख्या 100 से ज्यादा है। टेक्निकल इंस्टीट्यूट व कालेजों की संख्या भी 150 से ज्यादा है। फैशन , फिल्म, लॉ, बीएड समेत तमाम तरह के इंस्टीट्यूट, मेडिकल कॉलेज और हर तरह के कम्पीटिशन की तैयारी के लिए बेहतरीन कोचिंग सेंटर हैं। देशभर में प्रसिद्ध पब्लिकेशन, यहां की विभिन्न कोर्स व कम्पीटिशन की पुस्तकों को लिखने वाले प्रख्यात लेखकों वाली एजूकेशन हब सिटी है यह। शिक्षा के अलग माहौल के कारण मेरठ को यूपी के अन्य शहरों से अलग रखा जाता है, लेकिन निकाय चुनाव में इस एजूकेशनल सिटी के लोगों ने कम पढ़े-लिखे जन प्रतिनिधि चुनकर सबको झटका दिया है।
चुने गए शहर के 90 वार्डों के पार्षदों की शिक्षाः शिक्षा विजयी वार्ड पार्षद की संख्या निरक्षर 13 (14.44%) प्राइमरी 12 (13.33%) जूनियर हार्इस्कूल 16 (17.77%) हार्इस्कूल 14 (15.55%)
इंटरमीडिएट 13 (14.44%) ग्रेजुएट 13 (14.44%) पोस्ट ग्रेजुएट 06 (6.66%) पीएचडी 01 (1.11%) डिप्लोमा 02 (2.22%)