यह भी पढ़ें
आगरा में प्रेमी युगल ने ट्रेन से कटकर जान दी, फरवरी में आनी थी लड़की की बारात
पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार 31 जनवरी का दिन धार्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस दिन सकट चौथ का पर्व है। इस पर्व पर भगवान गणेश जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन व्रत रखने का भी विधान है। मान्यता है कि सकट चौथ पर भगवान गणेश जी की पूजा करने और व्रत रखने से संतान को लंबी आयु प्राप्त होती है। इतना ही नहीं संतान पर आने वाली बाधाएं भी दूर होती हैं। ऐसी मान्यता है यह कि व्रत संतान के लिए बहुत ही शुभ होता है। पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार यह व्रत संतान को हर प्रकार की बाधाओं से दूर रखने वाला माना गया है। संतान की शिक्षा, सेहत और करियर में आने वाली परेशानियों को भी दूर करता है। ग्रहों की अशुभता दूर करते हैं गणेश जी ( Sakat Chauth Vrat )
गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए सकट चौथ का पर्व शुभ माना जाता है। गणेश जी बुद्धि के दाता हैं। इसके साथ ही ग्रहों की अशुभता को दूर करते हैं. ग्रह की अशुभता को दूर करने के लिए यह पर्व उत्तम माना गया है. इसके साथ के केतु के बुरे प्रभाव को भी कम करने में यह पूजा सहायक मानी गई है।
गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए सकट चौथ का पर्व शुभ माना जाता है। गणेश जी बुद्धि के दाता हैं। इसके साथ ही ग्रहों की अशुभता को दूर करते हैं. ग्रह की अशुभता को दूर करने के लिए यह पर्व उत्तम माना गया है. इसके साथ के केतु के बुरे प्रभाव को भी कम करने में यह पूजा सहायक मानी गई है।
गुड और तिल से बनी चीजों का सेवन करें ( Sakat Chauth UP )
सकट चतुर्थी पर तिल और गुड से बनी चीजों का खाने की विशेष परंपरा है। इसीलिए इसे कहीं कहीं तिलकुटा चौथ भी कहते है। हिंदी भाषी राज्यों में सकट चतुर्थी का पर्व बड़े ही श्रद्धा भाव से मनाया जाता है. जनवरी माह का यह अंतिम धार्मिक पर्व है।
सकट चतुर्थी पर तिल और गुड से बनी चीजों का खाने की विशेष परंपरा है। इसीलिए इसे कहीं कहीं तिलकुटा चौथ भी कहते है। हिंदी भाषी राज्यों में सकट चतुर्थी का पर्व बड़े ही श्रद्धा भाव से मनाया जाता है. जनवरी माह का यह अंतिम धार्मिक पर्व है।
ये है सकट चौथ का मुहूर्त ( Sakat Chauth Time )
सकट चौथ का पर्व पंचांग के अनुसार 31 जनवरी को पड़ रहा है. इस दिन चन्द्रोदय का समय रात्रि 8 बजकर 30 मिनट है। चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 31
सकट चौथ का पर्व पंचांग के अनुसार 31 जनवरी को पड़ रहा है. इस दिन चन्द्रोदय का समय रात्रि 8 बजकर 30 मिनट है। चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 31