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सीमा के साथ खेल के मैदान में भी सूरमा बने ये फौजी, देश के लिए 36 साल बाद झटके पदक

locationमेरठPublished: Aug 27, 2018 01:07:32 pm

Submitted by:

sanjay sharma

एशियन गेम्स में पदक जीतने के बाद आेलंपिक के लिए जुटेगी भारतीय टीम
 

meerut

सीमा के साथ खेल के मैदान में भी सूरमा बने ये फौजी, देश को मिला 36 साल बाद पदक

मेरठ। मेरठ स्थित आरवीसी सेंटर यानी रिमाउंट वेटनरी कोर के घुड़सवारों ने मेरठ का नाम विदेश की धरती पर करते हुए एशिनयन गेम्स घुड़सवारी प्रतियोगिता में पदक जीता है। मलेशिया में हो रहे एशियन गेम्स में आरवीसी के घुड़सवारों ने देश के लिए दो रजत पदक जीते हैं। इससे आरवीसी में जश्न का माहौल है। इसके साथ ही अब आरवीसी ओलंपिक की तैयारी में जुट गया है। विदेश की धरती पर36 साल बाद घुड़सवारी में देश को रजत पदक मिले हैं। इससे पहले 1982 में देश में हुए एशियन गेम्स में आरवीसी ने दो स्वर्ण और तीन रजत पदक जीतने में सफलता पाई थी। इक्वेस्टेरियन फेडरेशन के जनरल सेकेट्री कर्नल आरके स्वैन ने बताया कि अगर सुविधाएं बढ़िया मिले तो आरवीसी ओलंपिक में भी बढ़िया प्रदर्शन कर सकती है। उन्होंने दावा किया आरवीसी के पास दुनिया के बेहतरीन नस्ल के घोड़े हैं। जो किसी भी प्रतियोगिता को जीतने का जज्बा रखते हैं। एशियन गेम्स में मेरठ से आरवीसी के मेजर आशीष मलिक, सवार जितेद्र सिंह अौर राकेश कुमार के साथ ही फहाद मिर्जा शामिल हैं। आरवीसी के सेना मेडल कमांडेट मेजर जनरल अनिल कुमार ने आरवीसी की इस जीत पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि हमारी टीम की यह जीत भारतीय घुड़सवार खेल के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने बताया कि इस जीत के बाद से भारतीय टीम ने 2020 में होने वाले ओलंपिक की तैयारी शुरू कर दी है।
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सेना ने यहां दिलवाया था प्रशिक्षण

सेना ने अपने घुड़सवारों को आर्मी इक्वेस्ट्रियन नोड, आरवीसी सेंटर के अलावा अतंरर्राष्ट्रीय कोचों से प्रशिक्षण दिलवाया था। इसके अलावा इन घुड़सवारों को प्रशिक्षण के लिए फ्रांस भी भेजा गया था। आरवीसी के ट्रेनर कर्नल मंगल सिंह ने कहा कि यह जीत घुड़सवारों की कड़ी मेहनत का परिणाम है।
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घुड़सवारों को मिलेगी अब विदेश में ट्रेनिंग

एशियन गेम्स में पदक जीतने के बाद अब आरवीसी के घुड़सवारों को यहां पर ट्रेनिंग के बाद विदेश भेजा जाएगा। जो 2020 में होने वाले ओलंपिक की तैयारी करेंगे। इस ट्रेनिंग में विदेशी ट्रेनर के साथ ही भारतीय कोच, जज और तकनीकी डेलीगेट को ट्रेंड किया जाएगा।
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