निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद जनपद के इस अतिसंवेदनशील मतदान केंद्र पर शासन की नजर पहले से ही थी। पुलिस को यहां खास ख्याल रखने के लिए कहा गया था, क्योंकि करनावल से पहली बार भाजपा ने अपना उम्मीदवार खड़ा किया था। पहले यहां से निर्दलियों के बीच ही चुनाव लड़ा जाता था। इसलिए पुलिस उधम सिंह व अन्य उम्मीदवारों पर वर्दी आैर सादी वर्दी में निगरानी रख रही थी। कुख्यात उधम सिंह इस समय इलाहाबाद नैनी सेंट्रल जेल में बंद है, लेकिन इस चुनाव में वह किस तरह सहायता कर रहा है या लोगों के बीच डराने-धमकाने जैसी स्थिति तो नहीं है, इस पर पुलिस नजर रख रही थी।
पूरे गांव को मिली कर्इ दावतें करनावल नगर पंचायत अध्यक्ष चुनाव में कुल 11 उम्मीदवार खड़े हुए थे। इस बार उधम सिंह यहां नहीं था तो सभी ने दिल खोलकर चुनाव लड़े। उम्मीदवारों ने पूरे-पूरे गांव को दावतें दीं। बारह हजार की आबादी वाले गांव के लोगों ने इन दावतों का जमकर लुत्फ भी लिया आैर उम्मीदवारों को वोट देनी की बात कही थी, लेकिन जब परिणाम आया तो पुष्पा को छोड़कर सारे उम्मीदवार आैंधे मुंह गिरे।
गरीब के वोट मिले चुनाव से पहले उधम सिंह की पत्नी पुष्पा का कहना था कि उनके पक्ष में 50 फीसदी वोटर हैं आैर बाकी में सारे उम्मीदवार। इन 50 फीसदी में भी अधिकतर गरीब वोटर हैं, जो दिल से उनके साथ हैं। अध्यक्ष पद पर विजयी रही पुष्पा का यह आंकड़ा कितना सटीक था, मतदान प्रतिशत से अंदाजा लगाया जा सकता है। भाजपा उम्मीदवार विमला समेत तमाम उम्मीदवार पूरे गांव को कर्इ बार दावतें खिलाने के बाद भी वोटर के दिल में जगह नहीं बना सके।