आईटीआई साकेत से इलेक्ट्रॉनिक मकैनिक ट्रेड के छात्र सचिन कुमार का दावा है कि जैसे ही चालक को नींद की झपकी आएगी वैसे ही चश्मे पर लगे सेंसर की वजह से फौरन बीप की आवाज शुरू हो जाएगी। नींद उड़ने के बाद ये चश्मा सामान्य चश्मे की तरह ही व्यवहार करने लगेगा।’ इसी के साथ सचिन कुमार ने यह भी कहा कि, ‘इस खास चश्मे का वो पेटेंट कराएंगे। ये चश्मा लोगों की जान बचा सकता है।’ दूसरी तरफ सचिन के अध्यापकों ने उसके इस प्रयोग की सराहना की है। सचिन कुमार ने पहले बीकाॅम किया है, लेकिन मन में इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में कुछ करने की चाह थी। ऐसे में उसने आईटीआई साकेत में प्रवेश लिया।
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बिजली बिल जमा कराने के लिए अब न हों परेशान, नई सुविधा शुरू एक हादसे ने किया विचलित सचिन का कहना है कुछ साल पहले वाहन चालक को झपकी आने की वजह से एक सड़क हादसा हुआ था। उस हादसे ने सचिन को विचलित कर दिया और इसी के चलते उसने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कुछ करने की ठान ली। सचिन कुमार का कहना है उन्होंने जो चश्मा बनाया है, उसमें नैनो डिवाइस, एडवांस माइक्रो कंट्रोलर, सेंसर, एक छोटे बजर और बैट्री का इस्तेमाल किया गया है।
इस्तेमाल करना भी बेहद आसान सचिन ने इसे इस तरह से तैयार किया गया है कि कोई भी वाहन चालक आसानी से इसका इस्तेमाल कर सके। उन्होंने नैनो डिवाइस में कोडिंग किया गया है और दो सेकंड के लिए अगर वाहन चालक को झपकी आती है तो चश्मे में लगा सेंसर एक्टिव हो जाता है। वहीं चश्मे में लगा सेंसर जब एक्टिव हो जाता है, बजर कान के पास बजने लगता है और वाहन चालक की नींद तुरंत ही खुल जाती है।