आजकल क्यों लग रहे हैं कुछ भी छूने से बिजली जैसे करंट के झटके ? एक्सपर्ट से जानिए वजह
यानि जितना बड़ा अपराधी या जितने बड़े मामले का जमानती रोटी भी उतनी ही महंगी। जेल जाने का भय सता रहा है या जेल जाने के योग बन रहे हैं तो जेल की ये रोटी खाकर जेल जाने से मुक्ति पा लेंगे। यही भराेसा दिलाकर तथाकथित तांत्रिक और पंडित जेल की राोटियों काे बेच रहे हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे खुद तांत्रिकों और पंडितों ने यह बात बताई है। अपनी पहचान छिपाए रखने की शर्त पर उन्हाेंने बताया है कि अक्सर ऐसे लाेग उनसे संपर्क करते हैं जिन्हे पुलिस तलाश रही हाेती है। दावा किया कि अधिकांश मामलों में सफलता मिली है और कई ऐसे मामले हैं जिनमें अभिमंत्रित की हुई जेल की रोटी खाने के बाद आराेपी काे जेल नहीं जाना पड़ा और बाहर से बाहर ही जमानत मिल गई।एक तांत्रित ने बताया कि जेल में बनी रोटी को वे गुपचुप किसी न किसी तरीके से मंगवा लेते हैं। इन रोटियों के लिए गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, बुलंदशहर आदि जेलों में संपर्क किया जाता है। जेल की ये रोटी अधिक से अधिक एक दिन बासी होनी चाहिए। तांत्रिक का कहना है कि वैसे तो उसी दिन की बनी रोटी को अभिमंत्रित कर खिलाया जाता है लेकिन एक दिन की बासी रोटी भी चलती है। रोटी को अभिमंत्रित करने में आधा से एक घंटा लगता है। रोटी को खाने वाले के नाम पर ही अभिमंत्रित किया जाता है।
एक व्यक्ति खाता है एक रोटी
जेल की अभिमंत्रित रोटी को एक व्यक्ति ही खा सकता है। उसका एक भी टुकड़ा या अंश जमीन पर नहीं गिरना चाहिए। तांत्रित का दावा है कि इस अभिमंत्रित रोटी को खाने के बाद जेल जाने के योग खत्म हो जाते हैं। यानी जेल जाने का बलाएं खत्म हो जाती हैं।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि जेल जाने का योग जिनकी कुंडली में होता है और वे किसी ऐसे अपराध में फंस जाते हैं जिसमें जेल जाने की आशंकाएं बनी रहती हैं तो ऐसे व्यक्ति को यह रोटी खिलाई जाती है। उन्होंने बताया कि अधिकांश जमानत पर बाहर चल रहे और मुकदमें में सजा की आशंका वाले व्यक्ति जेल की रोटी खाते हैं।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि जो लोग दहेज हत्या के मामले में जमानत पर रहते हैं या फिर जो दहेज के मामले में आरोपी होते हैं और उनको लगता है कि ऐसे में अब जेल जाना निश्चित है। ऐसे लोग इस अभिमंत्रित जेल की रोटी का सर्वाधिक प्रयोग करते हैं। यह भी बताया कि एक बार तो एक परिवार ने अपने लिए 16 रोटियां अभिमंत्रित करवाई थी।