जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हुए थे मेजर केतन शर्मा
मेरठ के रहने वाले शहीद मेजर का अंतिम संस्कार सूरजकुंड में किया गया
पत्नी ईरा रोते हुए बोलीं, आज आए भी और सबको रुलाकर चले गए
शहीद मेजर की चार साल की बेटी से पूछा पापा के बारे में तो वह मुस्कराने लगी और बोली…
मेरठ। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में सोमवार को आतंकियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर केतन शर्मा का मंगलवार शाम को अंतिम संस्कार हुआ। मेरठ के कंकरखेड़ा के रहने वाले शहीद मेजर का अंतिम संस्कार सूरजकुंड में किया गया। इस दौरान हजारों लोगों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। पार्थिव शरीर घर पहुंचने के कुछ देर बाद ही सूरजकुंड के लिए ले जाया गया था।
पत्नी ने पूछा लोगों से यह सवाल मंगलवार को मेजर केतन शर्मा का पार्थिव शरीर उनके घर कंकरखेड़ा पहुंचा था। जब शहीद मेजर अंतिम यात्रा पर निकले तो उनकी पत्नी ईरा के आंसू नहीं रुक रहे थे। वह राेते बस यहीं पूछ रही थी, आते ही बेटी काइरा को गोदी में उठाकर चूमने लगते। सबसे घंटों बातें करते। सबके लिए कुछ न कुछ लाते। अब तिरंगे में लिपटकर आए तो सात मिनट में चले गए। तुम ऐसे तो न थे केतन। वह लोगों से बस यहीं पूछती रहीं, इन्होंने कभी इतनी जल्दी तो नहीं दिखाई थी। आज आए भी और सबको रुलाकर चले गए।
बेटी ने किया सैल्यूट वहीं, शहीद मेजर की चार साल की बेटी मासूम काइरा तो बस भीड़ को देख रही थी। उसे अपने पापा के चले जाने का पता भी नहीं था। उससे जब किसी ने पापा का नाम लिया तो वह मुस्कराने लगी। कहने लगी, पाप जल्दी आएंगे। इसके बाद उसे जो भी रिश्तेदार या परिचित दिखता तो वह पूछती कि पापा कब आएंगे। वह खामोश होकर वहां लोगों को देखती रही। अंतिम संस्कार के वक्त जब उसने सबको सैल्यूट करते देखा तो वह भी सैल्यूट करने लगी।
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