यह होगा फायदा :— जिला क्षय रोग अधिकारी गुलशन राय के अनुसार जिले में टीबी मरीजों की पहचान के लिए 23 टीमें बनाई गई हैं। ये टीमें वर्ष 2019, 2020 और 2021 के सभी क्षय रोगियों की जियो टैगिंग करते हुए उनकी लोकेशन को अपडेट करने का काम करेंगी। इससे यह पता चल जाएगा कि किस क्षेत्र व किस गांव में टीबी रोगियों की सघनता ज्यादा है। डिस्ट्रिक पीपीएम को-ओर्डिनेटर शबाना बेगम ने बताया कि जियो टैंगिंग के जरिए मरीजों की निगरानी आसान हो जाएगी। दवा समाप्त होने से पहले ही उन्हें दवा उपलब्ध कराई जा सकेगी।
संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत दस्तक अभियान भी शुरू किया जा चुका है। जिला क्षय रोग अधिकारी गुलशन राय ने लोगों से अपील कि है कि वह किसी भी हाल में टीबी को न छिपाएं, इलाज कराएं। उन्होंने बताया कि क्षय रोग विभाग जियो टैगिंग के माध्यम से टीबी मरीजों को तलाश कर रहा है। अभी तक 16 हजार 962 मरीजों को जियो टैगिंग के माध्यम से तलाशा जा चुका है। इससे मरीजों की मॉनिटरिंग और उसके इलाज में आसानी होगी।