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जियो टैगिंग से होगी टीबी मरीजों की पहचान, निक्षय पोर्टल पर दर्ज होगी लोकेशन

locationमेरठPublished: Jul 28, 2021 01:47:21 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

मेरठ जिले में हैं 27 हजार से अधिक टीबी मरीज। टीबी मरीजों की तलाश के लिए बनीं 23 टीमें।

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मेरठ। कोविड—19 की दूसरी लहर का असर कम हुआ तो स्वास्थ्य विभाग को टीबी के मरीजों की तलाशने की सुध आई है। बता दे कि टीबी के मरीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण कोविड—19 की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। ऐसे मरीज समाज के लिए कोरोना बम से कम नहीं हैं। देश में 2025 तक टीबी को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग अभियान चला रहा है। इसके तहत,टीबी मरीजों की पहचान के लिए जियो टैगिंग का सहारा लिया जाएगा। मरीजों की लोकेशन निक्षय पोर्टल पर दर्ज की जा रही है। टीबी विभाग के मुताबिक,जिले में वर्ष 2019 से गत जून माह तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा 16,423 और प्राइवेट में 11,152 टीबी मरीज चिह्नित किए गए हैं। जियो टैगिंग के माध्यम से 16 हजार 962 मरीज चिह्नित हुए हैं। जिले में कुल 45 केंद्रों पर टीबी की जांच कराई जा रही है।
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यह होगा फायदा :—

जिला क्षय रोग अधिकारी गुलशन राय के अनुसार जिले में टीबी मरीजों की पहचान के लिए 23 टीमें बनाई गई हैं। ये टीमें वर्ष 2019, 2020 और 2021 के सभी क्षय रोगियों की जियो टैगिंग करते हुए उनकी लोकेशन को अपडेट करने का काम करेंगी। इससे यह पता चल जाएगा कि किस क्षेत्र व किस गांव में टीबी रोगियों की सघनता ज्यादा है। डिस्ट्रिक पीपीएम को-ओर्डिनेटर शबाना बेगम ने बताया कि जियो टैंगिंग के जरिए मरीजों की निगरानी आसान हो जाएगी। दवा समाप्त होने से पहले ही उन्हें दवा उपलब्ध कराई जा सकेगी।
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संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत दस्तक अभियान भी शुरू किया जा चुका है। जिला क्षय रोग अधिकारी गुलशन राय ने लोगों से अपील कि है कि वह किसी भी हाल में टीबी को न छिपाएं, इलाज कराएं। उन्होंने बताया कि क्षय रोग विभाग जियो टैगिंग के माध्यम से टीबी मरीजों को तलाश कर रहा है। अभी तक 16 हजार 962 मरीजों को जियो टैगिंग के माध्यम से तलाशा जा चुका है। इससे मरीजों की मॉनिटरिंग और उसके इलाज में आसानी होगी।
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