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Kartik Purnima 2021: जानिये कब है कार्तिक पूर्णिमा, स्नान का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

locationमेरठPublished: Nov 12, 2021 01:06:33 pm

Submitted by:

lokesh verma

दिवाली और छठ पूजा के बाद धर्मावलंबियों को अब कार्तिक पूर्णिमा का इंतजार है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा आगामी 19 नवंबर शुक्रवार को है। कार्तिक पूर्णिमा पर इस बार वर्धमान योग बन रहा है, जो कि बहुत ही लाभदायक माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो कार्तिक पूर्णिमा पर शुभ मुहूर्त में स्नान और विधि पूर्वक पूजा करने से मां लक्ष्मी की बरसाएंगी कृपा।

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मेरठ. दिवाली और छठ पूजा खत्म होने के बाद धर्मावलंबियों को अब कार्तिक पूर्णिमा का इंतजार है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा आगामी 19 नवंबर शुक्रवार को है। कार्तिक पूर्णिमा इस साल कई मायनों में काफी शुभ मानी जा रही है। कार्तिक पूर्णिमा पर वर्धमान योग बन रहा है, जो कि बहुत ही लाभदायक माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस कार्तिक पूर्णिमा पर जो श्रद्धालुगण लक्ष्मी की पूजा करेंगे, उन पर मां की पूरे साल कृपा बनी रहेगी।
पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2021) का विशेष महत्व है। इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा और देव दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का अंत किया था। इसी खुशी में देवताओं ने दीप प्रज्जवलित किए थे। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली (Dev Diwali) मनाने की परंपरा है। इस दिन पवित्र गंगा में स्नान (Ganga Snan) और दान से पुण्य की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रमा के साथ भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा भी की जाती है।
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कार्तिक पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त (Kartik Purnima Shubh Muhurat)

कार्तिक पूर्णिमा तिथि आरंभ – 18 नवंबर 2021 दोपहर 12:00 बजे से
कार्तिक पूर्णिमा तिथि समाप्त- 19 नवंबर 2021 दोपहर 02:26 बजे
कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रोदय का समय- 17:28:24
कार्तिक पूर्णिमा के पूजन की विधि (Kartik Purnima Pujan Vidhi)

कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदी, सरोवर या धर्म स्थान पर दीपदान जरूर करें। पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करें या घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें। व्रत का संकल्प लेकर विष्णु जी के समक्ष शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं। उसके बाद तिलक कर धूप-दीप, फल, फूल व नैवेद्य से विधिवत पूजन करें। शाम को विष्णु पूजन करें, देसी घी में भूनकर आटे का कसार बनाएं, पंचामृत चढ़ाएं। विष्णु जी के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करते हुए आरती उतारें।
तुलसी और शालिग्राम की अवश्य करें पूजा

चंद्रमा निकलने के बाद अर्घ्य देकर व्रत का पारण करना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा पर तुलसी जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इसके साथ ही विष्णु भगवान के शालिग्राम अवतार की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। कार्तिक पूर्णिमा पर घर के द्वार पर आम के पत्तों और फूलों से तोरण बनाएं। इस दिन सत्यनारायण कथा सुननी चाहिए। मान्यता है ऐसा करने भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं।

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