दरअसल, लिसाड़ीगेट के श्यामनगर निवासी हुस्नआरा को सांस लेने में तकलीफ थी। परिजन उन्हें ई-रिक्शा में बुधवार को सुबह 11 बजे मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे। यहां प्राथमिक उपचार देने की बजाय उन्हें कोरोना जांच कराकर आने को कह दिया गया। सैंपल देने के बाद वे फिर इमरजेंसी पहुंचा। इस बार उनका आक्सीजन स्तर मापा गया। आक्सीजन स्तर 50 पहुंचने पर उन्हें कोविड वार्ड ले जाने को कह दिया। कोविड वार्ड पहुंचे तो वहां बिना जांच रिपोर्ट भर्ती करने से मना कर दिया गया। बेबस परिजन हुस्नआरा को लेकर मेडिकल कैंपस के चक्कर काटते रहे। भर्ती करने की गुंजाइश तलाशते रहे। आखिरकार मेडिकल इमरजेंसी के गेट पर लगभग डेढ़ बजे हुस्नआरा ने दम तोड़ दिया। बेटी और अन्य स्वजन शव लेकर चले गए।