मेरठ

अस्पताल के बाहर ई-रिक्शा पर इंतजार करती रही महिला, इलाज न मिलने से तोड़ा दम

मेडिकल कालेज के गेट पर ई—रिक्शा में इलाज के लिए करते रहे खुशामत। एक तरफ प्रभारी मंत्र कर रहे थे व्यवस्थाओं की समीक्षा दूसरी तरफ तड़प रही थी हुस्नआरा। ई—रिक्शा में तीन घंटे तक करती रही इलाज का इंतजार ।

मेरठMay 13, 2021 / 05:24 pm

Rahul Chauhan

मेरठ। मेडिकल कालेज की अव्यवस्थाओं और लापरवाही ने एक और महिला हुस्नआरा की जान ले ली। हुस्नआरा मेडिकल कालेज के गेट पर ई—रिक्शा में पड़ी इलाज के लिए तड़पती रही। लेकिन लापरवाह व्यवस्था और बेपरवाह चिकित्सकों ने उसकी फरियाद नहीं सुनी। तीन घंटे तक इलाज के अभाव में परेशान हुई हुस्नआरा लाश में तब्दील हो गई। बताया जा रहा है कि जिस समय हुस्नआरा मेडिकल कालेज के गेट पर इलाज के लिए गिड़गिड़ा रही थी उस समय मेरठ के प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा अधिकारियों के साथ जिले में कोरोना मरीजों को मिलने वाली इलाज और सुविधाओं की समीक्षा कर रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि मेडिकल कालेज में चिकित्सा व्यवस्थाएं दुरूस्त हैं। जिसको सुनकर प्रभारी मंत्री भी संतुष्ट हो गए।
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दरअसल, लिसाड़ीगेट के श्यामनगर निवासी हुस्नआरा को सांस लेने में तकलीफ थी। परिजन उन्हें ई-रिक्शा में बुधवार को सुबह 11 बजे मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे। यहां प्राथमिक उपचार देने की बजाय उन्हें कोरोना जांच कराकर आने को कह दिया गया। सैंपल देने के बाद वे फिर इमरजेंसी पहुंचा। इस बार उनका आक्सीजन स्तर मापा गया। आक्सीजन स्तर 50 पहुंचने पर उन्हें कोविड वार्ड ले जाने को कह दिया। कोविड वार्ड पहुंचे तो वहां बिना जांच रिपोर्ट भर्ती करने से मना कर दिया गया। बेबस परिजन हुस्नआरा को लेकर मेडिकल कैंपस के चक्कर काटते रहे। भर्ती करने की गुंजाइश तलाशते रहे। आखिरकार मेडिकल इमरजेंसी के गेट पर लगभग डेढ़ बजे हुस्नआरा ने दम तोड़ दिया। बेटी और अन्य स्वजन शव लेकर चले गए।
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