scriptयूपी के इस गांव के बारे में सुनकर उड़ जाएंगे होश, यहां अवैध हथियार ही नहीं बनते, इन्हें चलाने की ट्रेनिंग भी दी जाती है! | Large business create-sell illegal arms in Radhana village of Meerut | Patrika News

यूपी के इस गांव के बारे में सुनकर उड़ जाएंगे होश, यहां अवैध हथियार ही नहीं बनते, इन्हें चलाने की ट्रेनिंग भी दी जाती है!

locationमेरठPublished: Jan 11, 2019 03:18:40 pm

Submitted by:

sanjay sharma

मेरठ के गांव राधना में अवैध हथियार बनाने आैर बेचने का बड़ा कारोबार
 

meerut

यूपी के इस गांव के बारे में सुनकर उड़ जाएंगे होश, यहां अवैध हथियार ही नहीं बनते, इन्हें चलाने की ट्रेनिंग भी दी जाती है!

मेरठ। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की टीम ने आर्इएसआर्इएस कनेक्शन में जिन संदिग्धों को पकड़कर जांच शुरू की है, इसमें कर्इ खुलासे होने की उम्मीद है। पकड़े गए संदिग्ध में से एक नर्इम है, जो मेरठ के किठौर क्षेत्र के राधना गांव का है। एनआर्इए टीम पहली बार राधना गांव पहुंची थी तो वह खाली हाथ लौटी थी, जबकि कुछ समय पहले तक उसे गांव में ही देखा गया था। यूपी के मेरठ जनपद का राधना गांव का नाम पहले भी चर्चाआें में रहा है। स्लीपर माॅड्यूल नर्इम ने फिर इसे चर्चा में ला दिया है। यह प्रदेश का पहला एेसा गांव है, जहां आॅन डिमांड हथियार बनाए आैर बेचे जाते हैं। अब जो बात सामने आयी है, वह यह कि हथियार को चलाने के लिए यहां गुपचुप तरीके से ट्रेनिंग भी दी जाती है। अमारोहा से गिरफ्तार दूसरे संदिग्ध सुहेल ने एनआर्इए टीम की पूछताछ में इसका खुलासा किया है। उसने बताया कि किठौर के बाग में उसने ट्रेनिंग ली थी, यह बाग राधना गांव के महबूब का बताया गया है।
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राधना के खेल का पता है पुलिस को

किठौर के इस राधना गांव में हथियारों से जुड़े सभी अवैध कारोबार होते हैं। अवैध तमंचे यहां बड़ी मात्रा में बनते हैं, बाहर से आए हथियारों की यहां फिनिशिंग होती है। हथियारों की तस्करी यहां से होती है आैर खुलेआम हथियार खरीदने-बेचने का धंधा चलता है, लेकिन पुलिस जब यहां पहुंचती है तो उसे कुछ नहीं मिलता। पहले भी कर्इ बार इस गांव में पुलिस अक्सर अवैध हथियार तस्करों की तलाश में दबिश देती रही है, लेकिन उसके आने से पहले ही भनक मिलने पर आरोपी फरार मिलते हैं। पुलिस भी यहां आने से डरती है, क्योंकि पहले यहां पुलिस पर हमले हो चुके हैं। इसी कारण यहां अवैध हथियारों की कारीगरी और तस्करी का कारोबार लगातार जारी है।
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संदिग्ध नर्इम को भी यहां नहीं पकड़ पायी एनआर्इए

संदिग्ध नर्इम को गिरफ्तार करने के लिए जब एनआईए की टीम उसके गांंव राधना पहुंची तो उसके घर पर ताला लगा हुआ था और परिजन घर छोड़कर जा चुके थे। वही घर में तकरीबन एक दर्जन प्यालों में आधी आधी चाय मिली, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि संभवतः एनआर्इए टीम के आने की भनक इन लोगों को लग गर्इ थी।
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खेतों आैर बागों में चलता है कारोबार

अवैध हथियारों के लिए मेरठ का राधना गांव सिर्फ यूपी ही नहीं अन्य राज्यों में भी बदनाम है। राधना ही नहीं इसके आसपास के ललियाना व जड़ौदा गांव भी अवैध हथियार बनाने व सप्लार्इ करने के लिए जाने जाते हैं। इन सबका पुलिस को पता है, लेकिन कार्रवार्इ नहीं करती। रासना में होने वाले अवैध हथियारों का धंधा घरों, खेतों व बागों में चलता है। अंधेरे में किसी को शक भी नहीं होता है। बड़ी-बड़ी र्इखों के खेतों, आम के घने बागों में हथियारों के कारीगर अपने इस कारोबार को अंजाम देते हैं। इसमें महिलाएं आैर बच्चे भी अवैध हथियार बनाने में मदद करते हैं। राधना गांव बदमाशों के लिए सेफ जगह मानी जाती है, इसलिए अन्य प्रदेशों के बदमाश भी यहां पहुंचते हैं। अब राधना के नर्इम की गिरफ्तारी के बाद माना जा रहा है कि एनआर्इए टीम को उसके गांव में होने वाले काले काराेबार में अन्य बड़े खुलासे होंगे।
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