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मेरइ तहसील परिसर में लोकेन्द्र पाल तहसील मेरठ सचिव की अगुवाई में धरने पर बैठे लेखपालों ने कहा कि मांगें पूरी होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि लेखपाल जनता की सेवा में एक कर्मचारी के रूप में सबसे अधिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करता है। शासन के नीतियों के क्रियान्वयन में सबसे अधिक और अग्रणी भूमिका भी लेखपाल की होती है। इसके बावजूद लेखपालों को वेतन विसंगति व संसाधनों का अभाव झेलना पड़ रहा है।
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लेखपालों की हड़ताल से मेरठ जनपद की सभी तहसीलों में कार्य प्रभावित हुआ। गांव देहात से अपने काम लेकर आने वाले ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ा। तहसील परिसर आने के बाद जब उनको पता चला कि लेखपाल धरने पर बैठे हैं तो वे वापस गांव को चले गए। धरने के चलते आज मेरठ तहसील में लगने वाला तहसील दिवस भी नहीं लग सका। लोकेन्द्रपाल ने बताया कि हमारी मांगे काफी समय से लंबित चली आ रही है। शासन और सरकार हमारी मांगों पर कोई ध्यान नहीं देता। जबकि शासन की नीतियों और सरकार की सभी कार्ययोजनाओं को लोगों तक पहुंचाने का काम लेखपाल का होता है। हमारी सरकार से मांग है कि वो हमारी मांगों पर प्रमुखता से विचार करे। यदि मांगे नहीं मानी गई तो हम अनिश्चितकालीन धरने के लिए मजबूर होंगे।