यह भी पढ़ेंः यूपी के इस शहर में खुद को पार्टी कार्यकर्ता बताकर छात्रा से दुष्कर्म का प्रयास यह भी पढ़ेंः इस जनपद में भीम आर्मी की तरह एक आैर सेना खड़ी करने की थी तैयारी दिल्ली में पहले प्रियंका आैर फिर बबलू मिला मृतक प्रतीक के पिता राजकुमार आैर भार्इ अक्षय ने बताया कि प्रतीक दिल्ली में रहकर बीएससी व एमए करने के पश्चात एसएससी की तैयारी कर रहा था। उसकी जान पहचान खानपुर थाना जानी मेरठ के एक युवक और यहीं की एक युवती से हो गई थी। चूंकि प्रतीक भी मेरठ का निवासी था इसलिये तीनों में आपस में दोस्ती हो गई। दोनों एक ही गांव के रहने वाले थे तो मिलना-जुलना प्यार में बदल गया लेकिन इन दोनों के बीच रिश्तों की खबर युवक को लग गई। जिसने पहले इन दोनों को ब्लैकमेल किया। ब्लैकमेलिंग के दौरान प्रतीक ने युवती की खातिर युवक को करीब दो लाख रुपये की रकम दे डाली, लेकिन बाद में प्रतीक को पता चला कि ब्लैकमेलिंग के इस खेल में युवक के साथ युवती भी शामिल है। इससे प्रतीक बुरी तरह से टूट गया और उसने मौत को गले लगाने की ठान ली, लेकिन मौत को गले लगाने के साथ-साथ प्रतीक ने उन लोगों को भी सजा दिलाने का इंतजाम कर डाला, जिन्होंने उसे यहां तक पहुंचा दिया।
यह भी पढ़ेंः एनसीआर में तीसरे स्थान पर रहे खुशांक ने इन चीजों से परहेज किया, जानिए मेरठ के इस टाॅपर से यह भी पढ़ेंः यूपी पुलिस का दरोगा अपनी भांजी के पति को इसलिए कर रहा परेशान, जानिए यह पूरा मामला पंखे से लटककर मौत गले लगाने का लाइव वीडियाे प्रतीक ने अपने सुसाइड का लाइव वीडियो बनाया जिसमें उसने युवक और युवती द्वारा रची गई साजिश का खुलासा कर दिया। साथ ही वीडियो में उसका दर्द बता रहा है कि मोहब्बत में मिले धोखे से उसने मौत को गले लगा लिया। जो रकम उसके घरवालों ने उसकी पढ़ाई के लिए भेजी थी, वह उसने इस चक्रव्यूह में फंसकर युवक को दे डाली थी। इस कारण घरवालों की निगाहों में भी शर्मिंदगी से बचने के लिए उसने मौत को गले लगा लिया। मौत का वह खौफनाक वीडियो जो प्रतीक ने अपने मरने से पहले अपने ही मोबाइल में कैद कर लिया।
पुलिस ने मामला ठंडे बस्ते में डाला प्रतीक की मौत के बाद दिल्ली पुलिस ने इसे महज सुसाइड मानकर ठंडे बस्ते में डाल दिया, लेकिन घरवाले चाहते हैं कि प्रतीक को मौत के लिए उकसाने वाले लोगों को भी सजा मिले। परिजनों की मानें तो युवक प्रतीक को स्मगलिंग के केस में फंसाने और जान से मारने की धमकी दे रहा था।इसलिए उन्होंने मंगलवार को मेरठ एसएसपी कार्यालय में जाकर इंसाफ की गुहार लगाई, लेकिन यहां भी उन्हें SSP नहीं मिल सके। न ही किसी आला अधिकारी ने उनकी गुहार सुनी।