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Special: इस जिले में 8 दिन रुके थे महात्मा गांधी, हिंदू-मुस्लिमों की एकता देख हिल गई थी ब्रिटिश सरकार

locationमेरठPublished: Aug 15, 2020 10:46:52 am

Submitted by:

Rahul Chauhan

Highlights
-22 जनवरी 1920 से 30 जनवरी 1920 तक मेरठ में रूके थे गांधी
-गांधी जी के मेरठ में रूकने से हिल गई थी ब्रिटिश सरकार
-ब्रिटेन तक पहुंची गूंज तो मेरठ में बदल दिए गए रातों रात अधिकारी
-मेरठ में आजादी के आंदोलन की धार देने केा गांधी तीन बार आए

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केपी त्रिपाठी

मेरठ। 1857 से क्रांतिकारियों की गतिविधियों का क्रेंद्र मेरठ 19 दशक में भी आजादी के आंदोलन में अग्रणी रहा। दिल्ली के नजदीक होने के कारण मेरठ आजादी के आंदोलन की गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बना हुआ था। 19 के शुरूआती दशक में मेरठ, कोलकाता, मुंबई, मद्रास, लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, वर्धा आदि क्रांतिकारियों की गतिविधियों के प्रमुख केंद्रों में से एक थे। देश में जब अंग्रेजों भारत छोड़ों आंदोलन अपने पूरे चरम पर था उस दौरान महात्मा गांधी इस आंदोलन की अलख जगाने मेरठ आए थे।
22 जनवरी 1920 की सुबह कार से मेरठ पहुंचे थे गांधीजी :—

प्रख्यात इतिहासकार डा0 अमित पाठक बताते हैं कि शहीद स्मारक में रखे गांधी जी के मेरठ दौरे से जुडे़ दास्तावेजों के मुताबिक महात्मा गांधी 22 जनवरी 1920 की सुबह 9ः30 बजे कार से दिल्ली से मेरठ पहुंचे थे। डीएन कालेज जो कि उस समय देवनागरी स्कूल के नाम से जाना जाता था वहां पर गांधी जी का हिन्दू और मुस्लिमों ने एकसाथ भव्य स्वागत किया था। उस समय दोनों ही कौमों ने हिन्दुस्तान जिंदाबाद और भारत वर्ष की जय का नारा लगाया था।
कौमों ने दिखाई ऐसी एकजुटता कि हिल गई अंग्रेजी हुकूमत की चूल :—

जिन हिन्दू मुस्लिमों के बीच सांप्रदायिकता की खाई खोदकर अंग्रेज देश में राज करना चाह रहे थे। गांधी के आगमन पर दोनों ही कौमों ने वो एकजुटता दिखाई कि अंग्रेज हुकूमत की चूल हिल गई। गांधी जी 22 जनवरी से 30 जनवरी के बीच मेरठ में रूके। उनके मेरठ प्रवास के दौरान गंगा-जमुनी सभ्यता की ऐसी बयार बही कि इसकी गूंज ब्रिटेन तक पहुंच गई। मेरठ में तैनात अंग्रेज अधिकारी रातोरात बदल दिए गए। गांधी जी इन आठ दिनों में कई जनसभाएं की। इन जनसभाओं में मुस्लिमों ने पीला तिलक लगाकर शामिल हुए तो हिंदू चांद-सितारा के कपडे पहनकर सभा और रैलियों में शामिल हुए। जुलूस में कई लोग दूसरे देशों जैसे मिश्र,अरब और तुर्की की पोशाक को पहनकर चल रहे थे। ये लोग भी भारत की स्वाधीनता का समर्थन करते हुए नारे लगा रहे थे। यह जुलूस कंबोह गेट तक पहुंचा तो वहां पर गांधी जी ने सभा को संबोधित किया था।
गांधी आश्रम से बहुत लगाव था गांधी जी को :—

इतिहासकार अमित पाठक बताते हैं कि गांधी जी तीन बाद मेरठ आए थे। इसके बाद दूसरी बार गांधी जी का मेरठ आगमन 1929 में हुआ। इस बार वह मेरठ में सविनय अवज्ञा आंदोलन की अलख जगाने मेरठ आए थे। इस दौरान गांधी जी मेरठ जेल में बंद कैदियों से भी मिले थे। गांधी जी का अंतिम दौरा मेरठ में 1931 में हुआ। तब वे मेरठ के गांधी आश्रम में रूके थे। गांधी आश्रम के कर्मचारियों और गांधी आश्रम की गतिविधियों के बारे में उन्होंने पूरी जानकारी ली थी। मौजूद दस्तावेजों में गांधी जी के मेरठ में तीन बार आना दर्ज है। वह जब भी मेरठ आए यहां के गांधी आश्रम में जरूर गए। उन्हें मेरठ के गांधी आश्रम से बहुत लगाव था।
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