ऐसे हुआ हादसा जानकारी के मुताबिक, लिसाड़ीगेट थानाक्षेत्र के समर गार्डन के रहनेवाले आफताब पेशे से कारपेंटर था। बुधवार दोपहर वह अपनी गाड़ी से ससुराल माधवपुरम गया था। जब वो अपने घर के लिए दोबारा लौट रहा था और लिसाड़ी रोड स्थित डीआईजी की कोठी के पास पहुंचा ही था, तभी तेज गति से आ रही ट्रेक्टर-ट्रॉली ने उसकी गाड़ी में पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही आफताब सड़क पर गिर गया, इसी बीच ट्रेक्टर-ट्रॉली ने आफताब को कुचल दिया। मौके पर मौजूद लोगों का कहना था कि दुर्घटना होते ही उन्होंने शोर मचाया, लेकिन ट्रेक्टर-ट्रॉली चालक नहीं रूका और आफताब को घसीटते हुए काफी दूर तक ले गया। कुछ देर बाद लोगों ने ट्रेक्टर-ट्रॉली को रोका और पहियों के बीच फंसे आफताब को बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
मुआवजे को लेकर लोगों ने किया प्रदर्शन वहीं, एक्सीडेंट के बाद चालक ट्रेक्टर-ट्रॉली छोड़कर मौके से फरार हो गया। हादसे से गुस्साए लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया और जाम लगा दिया। लोगों ने घटना की सूचना मृतक के परिजन को दे दी। परिजन मौके पर पहुंचे और शव को बीच सड़क पर रखकर मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे। इधर, सूचना मिलने के दो घंटे बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और लोगों को समझा कर मामले को शांत कराया। बाद में शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
चार बेटियों के सिर से उठा पिता का साया मृतक आफताब की शादी दस वर्ष पूर्व माधवपुरम की आयशा से हुई थी। शादी के बाद चार बेटियों का जन्म हुआ। परिजनों ने बताया कि बड़ी बेटी की उम्र 8 वर्ष है। जैसे ही हादसे की खबर घर पहुंची तो कोहराम मच गया। आयशा बेहोश हो गई। परिजन का यह भी कहना था आफताब ने अपनी पत्नी से कहा, ‘बस थोड़ी देर में आ रहा हूं’ ये कहकर वो घर से निकला था, लेकिन किसे पता था कि अब वह कभी लौटकर नहीं आएगा। दोबार जब फोन आया तो आफताब के मौत की खबर आई। सबसे छोटी बेटी को तो ये भी नहीं पता कि उसके पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे।