मेरठ

आंधी से आम की 25 प्रतिशत फसल बर्बाद, मंडियों में लगा कच्चे आम का ढेर

दो दिन की आंधी में मेरठ और पश्चिमी उप्र की करीब 25 प्रतिशत आम की फसल को नुकसान हुआ है। इस बार आम के बागवानों को अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद थी। बाग में आम की फसल देखकर बागवानों के चेहरे खिले हुए थे। लेकिन दो दिन आई आंधी ने आम की 25 प्रतिशत फसल को चौपट कर दिया है। हालात ये हैं कि मंडी में इस समय कच्चा आम सात रुपये किलो बिक रहा है।

मेरठMay 22, 2022 / 08:35 am

Kamta Tripathi

आंधी से आम की 25 प्रतिशत फसल बर्बाद, मंडियों में लगा कच्चे आम का ढेर

मेरठ और पश्चिमी उप्र में आई आंधी ने आम के बागवानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। आंधी की वजह से आम की फसल को 25 प्रतिशत नुकसान हुआ है। मेरठ की कस्बों से लेकर शहर की मंडियों तक में कच्चे आम का ढेर लगा हुआ है और ये सात रुपये किलो तक बिक रहा है। वहीं जो कच्चा आम दो दिन पहले 30 रुपये किलो था आंधी ने उसके दाम अचानक से जमीन पर ला दिए हैं। आंधी के चलते मंडियों अचानक कच्चे आम के ढेर लग गए। दो दिन में ही फलों के राजा आम का दाम धराशाही हो गया।
जो आम दो दिन पहले भाव दिखा रहा था आज वो मंडी में पड़ा ग्राहकों को देख रहा है। बता दें कि मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, शामली, सहारनपुर आम बेल्ट मानी जाती है। इस आम बेल्ट में हजारों हेक्टेयर में आम के बाग फैले हुए हैं। इन बागों में आम की बंपर फसल होती है। इस बार आम की बंपर फसल आई। बाग में कोई ऐसा पेड़ नही था जो आम से लदा ना हो। लेकिन दो दिन की आई आंधी ने आम की 25 प्रतिशत फसल को चौपट कर दिया है।
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फसल पकने और आम तोड़ने से पहले ही फसल खराब हो गई। इससे बागवानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि फल पट्टी की शान कहे जाने वाले मेरठ के शाहजहांपुर और किठौर इलाके में आम के बाग हैं। इन दोनों कस्बों को फलपट्टी क्षेत्र घोषित किया हुआ है। जिसके चलते यहां पर बड़े पैमाने पर आम ही नहीं अन्य फलों के पौधों की नर्सरी पर खेती की जाती है। इस इलाके का करीब 95 फीसदी किसान इस फल पटटी पर ही निर्भर है।
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