मायावती ने आगे कहा कि बाबा साहब का तीसरा मुद्दा पिछड़े वर्ग के लिए था। उन्होंने अतिपिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण चाहते थे। मायावती ने कहा कि पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिलाने के लिए बसपा ने दबाव बनाया था। वहीं ओबीसी वर्ग के लोगों को आरक्षण का सही लाभ नहीं मिला। आबादी के हिसाब से ओबीसी कोटे में आरक्षण नहीं दिया गया। बता दें कि यूपी के मेरठ में मायावती ने एक विशाल रैली की है। बसपा ने इस रैली को ‘मंडल स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन’ नाम दिया है।
बता दें कि बसपा पदाधिकारियों के मुताबिक इस रैली को लेकर पिछले कई दिनों से जोर-शोर से तैयारियां चल रही थीं। आपको बता दें कि मायावती के आने से पहले बसपा के पूर्व मंत्री अजीत पाल ने कहा कि बीती विधान सभा चुनाव में जो गलतियां हो गई हैं उस दोहराया नहीं जाएगा। हम बहन मायावती को पीएम बनाने की तैयारी में हैं। वहीं पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी ने कहा कि 2018 में ही भाजपा की सरकार की गिर जाएगी और मायावती देश की अगली प्रधानमंत्री बन जाएंगी। भाजपा सरकार लोगों पर सिर्फ जुल्म कर रही है।
इस महासम्मेलन को स्थानीय नेता से लेकर बसपा सुप्रीमो ने सफल बनाने की कोशिश की। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद मायावती दोबारा पार्टी को खड़ा करना चाहती हैं। इस महासम्मेलन में मेरठ, मुरादाबाद आैर सहारनपुर मंडल से करीब डेढ़ से दो लाख लोगों के आए हैं आैर गांव-गांव आैर बूथ स्तर तक से कार्यकर्ता इसमें शामिल हुए। इसको लेकर जिला प्रशासन आैर पुलिस काफी गंभीर दिखी।