क्रांतिधरा पर करीब 70 हजार अवैध निर्माण हैं आैर 550 कालोनियां भी अवैध तरीके से बनार्इ और बसाई गर्इ है। इसे लेकर एमडीए के अफसर आैर कर्मचारी सवालों के घेरे में हैं। एमडीए के वीसी साहब सिंह का कहना है कि शहर के बाहरी क्षेत्र में अवैध कालोनियों के खिलाफ कार्रवार्इ की जा रही है। लेकिन, यह तभी संभव हो पाएगा, जब हमें पुलिस फोर्स मिले। नए अवैध निर्माणों पर अंकुश लगाया है आैर कहीं यदि अवैध निर्माण होता पाया गया तो उस जाेन के अफसराें और कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवार्इ की जाएगी।
अवैध निर्माणों का आंकड़ा
एमडीए के अफसरों की माने तो शहर में करीब 70 हजार अवैध निर्माण हैं। वहीं, बाहरी क्षेत्रों में 550 अवैध काॅलोनियां हैं। पिछले दस साल में इनमें से अधिकतर अवैध कालोनियां बनीं हैं। इन कालोनियों को बाकायदा बिल्डरों ने बनाया और बसाया है। बिल्डर यहां बिजली कनेक्शन लेकर इन कालोनियाें में बिजली सप्लार्इ करके मनमानी वसूली भी कर रहे हैं। बिजली विभाग की टीम इन पर कर्इ छापे भी मार चुकी है, लेकिन यहां की स्थिति नहीं बदली। यही स्थिति पानी के कनेक्शन को लेकर है। शासन के निर्देश पर एमडीए ने इन अवैध काॅलोनियों के नियमतीकरण के लिए अभियान भी चलाया, लेकिन बिल्डरों ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखार्इ आैर एमडीए के अफसर भी सामने नहीं आए, क्योंकि कम्पाउंडिंग होने पर अवैध निर्माण करवाने पर अफसरों के संलिप्त होने पर मुहर लग जाती है।
बाहरी क्षेत्रों के ज्यादा मामले
शहर के पुराने इलाकों के मुकाबले अवैध निर्माणों के ज्यादा मामले शहर केे नए और बाहरी क्षेत्रों में हैं। इसकी वजह यह है कि नए-नए बिल्डर सस्ती दरों पर फसल की जमीन खरीदकर काॅलोनियां बनाकर ज्यादा मुनाफा काट रहे हैं। दिल्ली रोड, बागपत रोड, दिल्ली-देहरादून बार्इपास, कंकरखेड़ा, मवाना रोड, गढ़ रोड, रुड़की रोड, हापुड़ रोड पर एेसी ही अवैध काॅलाेनियों की संख्या ज्यादा है।