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मेरठ में बसपा नेता की हत्या के पीछे वजह बनी थी ‘पतंग’, प्रोफेशनल शूटर थे वारदात में शामिल दो साल बाद मिला न्याय परतापुर के गांव सोेहरका में 2016 में हुर्इ नरेंद्र की हत्या का फैसला करीब दो साल बाद आया है। एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट-1 प्रकाश तिवारी की अदालत ने श्योबीर उर्फ मालू को आजीवन कारावास आैर 20 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। परतापुर थाना क्षेत्र के सोहरका गांव में 19 अक्टूबर 2016 को नरेंद्र सांगवान की हत्या हुर्इ थी। उस दिन सुबह साढ़े ग्यारह बजे नरेंद्र घर से घेर जा रहे थे। एक साल पहले प्रधानी के चुनाव चल रहे थे। तभी से नरेंद्र की श्योबीर से रंजिश चल रही थी। श्योबीर प्रधानी चुनाव में खड़ा हुआ था। बताते हैं कि हत्या वाले दिन दोनों का आमना-सामना हुआ तो श्योबीर ने नरेंद्र के साथ गाली-गलौच की थी आैर विरोध करने पर नरेंद्र को गोली मार दी थी।
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थाने में अपने प्रेमी के साथ जाने के लिए विवाहिता ने किया हंगामा, परिजनों की भी नहीं सुनी, फिर हुआ यह… गवाह पत्नी आैर बेटे की हत्या इस हत्या में नरेंद्र की पत्नी निछत्तर कौर आैर बेटा बलविन्द्र गवाह थे। 25 जनवरी 2018 को इस केस में दोनों को गवाही देनी थी। 24 जनवरी को बदमाशों ने बलविंद्र की गांव के रास्ते में गोलियों से छलनी कर दिया था, जबकि उसकी मां की हत्या घर पर की थी। मां-बेटे को अपनी हत्या का शक था, इसलिए कुछ दिन पहले ही उन्होंने घर में सीसीटीवी कैमरा लगवा लिया था। मां की हत्या लाइव शाॅट आने के बाद पुलिस की काफी किरकिरी हुर्इ थी। क्योंकि बलविन्द्र कुछ दिन पहले ही पुलिस अफसरों से अपनी जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा मांग चुका था।
कंचन बनी थी गवाह बलविन्द्र की पत्नी कंचन ही इस केस की गवाह बनी थी। पुलिस प्रशासन की आेर से कड़ी सुरक्षा दिलार्इ गर्इ थी। अदालत में फैसले के समय भी वह कड़ी सुरक्षा में रही। आरोपी श्योबीर उर्फ मालू को आजीवन कारावास आैर 20 हजार रुपये के अर्थदंड के फैसले से वह संतुष्ट है। उसका कहना है कि उसके पति आैर सास के हत्यारों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।