15 लाख का दिया था ऑफर
पुलिस ने तीनों हत्यारोपियों में गोलू को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में गोलू ने बताया कि भोलू और उसकी मां से समझौते की बात चल रही थी, लेकिन दोनों मान नहीं रहे थे। उन्हें 15 लाख रुपए तक का ऑफर भी दिया था, लेकिन वे जब नहीं माने, तो उनकी हत्या की प्लानिंग की गर्इ।
खानदान में थी यह रंजिश
सौबीर और नरेंद्र खानदान के भार्इ थे। सौबीर ने 2015 में ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ा था। सोरखा और अंजौली गांव का एक ही गांव प्रधान होता है। सोरखा से सौबीर औरैर अंजौली से विक्रम सिंह ने चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में विक्रम को जीत मिली थी। सौबीर को अंदेशा था कि नरेंद्र और उसके परिवार ने उसे वोट नहीं दी थी। उन पर पड़ोस गांव के उम्मीदवार को वोट को वोट देने का शक था। चुनाव के बाद सौबीर नरेंद्र से रंजिश रखने लगा था। इसको लेकर दोनों में कर्इ बार कहासुनी भी हुर्इ थी। नरेंद्र के बेटे भोलू और सौबीर के बीच मारपीट भी हुर्इ थी। इसके बाद यह रंजिश और भी बढ़ गर्इ थी। इसी बीच 19 अक्टूबर 2016 को नरेंद्र की हत्या कर दी गई।
इस हत्या में नरेंद्र की पत्नी और उसका बेटा भोलू चश्मदीद गवाह थे। सौबीर जेल में बंद है और गुरुवार को इस मामले में दोनों की गवाही होनी थी। उससे एक दिन पहले ही बाइक पर सवार तीनों हमलावरों मांगे, गोलू और संजय ने गांव साेरखा में घर से कुछ दूर अपनी कार से जा रहे भाेलू को रास्ते में रोककर गोलियाों से भून दिया। इसके बाद इन तीनों ने भोलू के घर जाकर उसकी मां निचित्रा की हत्या कर दी। भोलू को इसका काफी पहले से अंदेशा था। इसलिए उसने अपने घर पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे। भाेलू सपा कार्यकर्ता था।