scriptयूपी के इस शहर में रोजाना बन रहा था 60 हजार लीटर नकली पेट्रोल-डीजल, अब मामले पर लीपापोती की तैयारी | meerut fake petrol and diesel business case slow inquiry | Patrika News

यूपी के इस शहर में रोजाना बन रहा था 60 हजार लीटर नकली पेट्रोल-डीजल, अब मामले पर लीपापोती की तैयारी

locationमेरठPublished: Aug 24, 2019 09:03:40 pm

Submitted by:

sanjay sharma

खास बातें

तेल के खेल में मेरठ से लखनऊ तक मचा हल्ला
एक्शन में आए डीएम ने दो खाद्य अधिकारी हटाए
मामले की लीपापोती में जुट गए अधिकारी

meerut
मेरठ। प्रतिदिन 60 हजार लीटर नकली पेट्रोल मेरठ समेत दूसरे अन्य राज्यों के पेट्रोल पंपो में बेचा जा रहा था। सबको बराबर का हिस्सा मिल रहा था। जिसके चलते सभी के हाथ बंधे थे और मुंह सिले हुए थे। मामला जब खुला तो दूर तक हल्ला तो मचा ही साथ ही इस पर अब लीपापोती के प्रयास भी किए जा रहे हैं।
यह भी पढ़ेंः सांसद ने कई योजनाओं की सफलता के लिए ‘आशा’ को सराहा, कही ये बड़ी बात

डीएम ने दो अफसरों को हटाया

तेल के खेल में लखनऊ तक हड़कंप मचने के बाद मजबूरन प्रशासन को कार्रवाई के लिए आगे आना पड़ा। जिसके चलते डीएम अनिल ढींगरा ने आपूर्ति विभाग के एक निरीक्षक और क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी को परतापुर क्षेत्र से हटाकर जिला पूर्ति कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया। इसके साथ ही दोनों के खिलाफ जांच के लिए आयुक्त खाद्य एवं रसद को पत्र लिखा है। अपनी गर्दन फंसती देख रात में जिला पूर्ति अधिकारी एसएसपी आवास पर पहुंचे। उन्होंने नमूनों को लेकर अपनी सफाई पेश की।
यह भी पढ़ेंः आतंकियों को सबक सिखाने वाले कमांडो को पुलिस ने भेज दिया जेल, गृह मंत्रालय तक पहुंचा मामला
बड़ी मात्रा में नकली तेल बन रहा था

परतापुर और टीपीनगर क्षेत्र में दस साल से मिलावटी पेट्रोल का बड़ा काम चल रहा था। जिसमें प्रतिदिन 60 हजार लीटर पेट्रोल तैयार किया जा रहा था। इसके बावजूद भी आपूर्ति विभाग पूरी तरह से लापरवाह बना हुआ था। मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने अपने दो इंस्पेक्टरों पर तो कार्रवाई कर दी, लेकिन खाद्य विभाग और प्रशासन पूरे मामले में मौन रहा।
यह भी पढ़ेंः मौसम वैज्ञानिकों ने दी भारी बारिश की चेतावनी, इन क्षेत्रों में बिगड़ेगी स्थिति

शासन तक पहुंचा मामला

लखनऊ तक मामला पहुंचने के बाद डीएम अनिल ढींगरा ने प्रथम जांच में पूर्ति निरीक्षक सुनील भटनागर और क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी नरेंद्र सिंह की लापरवाही मानते हुए दोनों के खिलाफ कार्रवाई की। इसके अतिरिक्त प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने मजिस्ट्रीयल जांच अपर जिला मजिस्ट्रेट नगर और नगर अधीक्षक को सौंप दी। सभी विभागों की संलिप्तता की विस्तार से जांच कर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए है। वहीं सूत्रों की माने तो यह सब अधिकारियों ने अपनी गर्दन फंसने के डर से किया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो