scriptPFI ban update : PFI पर प्रतिबंध को लेकर मेरठ के मुस्लिमों ने कही बड़ी बात | Meerut Muslims said a big deal about the ban on PFI | Patrika News

PFI ban update : PFI पर प्रतिबंध को लेकर मेरठ के मुस्लिमों ने कही बड़ी बात

locationमेरठPublished: Sep 28, 2022 08:01:00 pm

Submitted by:

Kamta Tripathi

PFI ban update पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया PFI ऐसा नाम जो भारत में मुसलमानों को शामिल करने वाली हिंसक गतिविधि होने पर प्रतिध्वनित होता है। PFI के हिस्से में हत्या, अपहरण, राजनीतिक हत्याएं, मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद आदि सहित आपराधिक स्पेक्ट्रम की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों ने इस संगठन को भारत की एकता और अखंडता के लिए खतरनाक और हानिकारक घोषित किया है। इसके बाद आज इस संगठन पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसका मुस्लिमों ने भी स्वागत किया है।

PFI ban update : PFI पर प्रतिबंध को लेकर मेरठ के मुस्लिमों ने कही बड़ी बात

PFI ban update : PFI पर प्रतिबंध को लेकर मेरठ के मुस्लिमों ने कही बड़ी बात

PFI ban update पीएफआई पर जब भी संगठन या नेतृत्व के खिलाफ पुलिस कार्रवाई होती है तो वे मुस्लिम उत्पीड़न का कार्ड खेलते हैं। मामला इतना आसान नहीं है जितना दिख रहा है। संगठन के खिलाफ विभिन्न आरोपों के बारे में विस्तृत विश्लेषण केवल दावों के पीछे की सच्चाई के बारे में स्पष्ट करेगा। यह बातें मुफ्ती राशिद ने कहीं। उन्होंने कहा कि इस मुल्क में अमन से रहने वालों के लिए खूब जगह है। लेकिन इस तरह के फसादी संगठनों पर प्रतिबंध लगना ही चाहिए। उन्होंन कहा कि आज पाकिस्तान से अधिक मुसलमान भारत में रहते हैं। भारत के मुसलमान आज पाकिस्तानी मुसलमानों से अधिक सुरक्षित हैं। इसके बाद भी ये पीएफआई संगठन मुस्लिमों को बहकाने का काम करता है।

बता दें कि भारत की प्रमुख जांच एजेंसी-राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA वर्तमान में पीएफआई पर विभिन्न मामलों की जांच कर रही है। एनआईए आमतौर पर उन मामलों की जांच करती है जिनके पूरे भारत में निहितार्थ होते है। 2017 में एनआईए ने पीएफआई के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून 1967 के तहत गैर कानूनी करार दिये गये आतंकी संगठन आईएसआईएस के सदस्य बनने के कारण और उनको मदद पहुंचाने के कारण मामला दर्ज किया गया था। मामला जांच के अधीन है। एनआईए के अलावा, प्रवर्तन निदेशालय ED भी कई मामलों में PFI की जांच कर रहा है, जिसमें CAA विरोधी हलचल और पूर्वाेत्तर दिल्ली दंगों में इसकी भूमिका और 2018 में विदेशी फंडिंग का मामला शामिल है। ED, PFI और भीम आर्मी के बीच कथित संबंधों और उत्तर भारत में दलित अशांति के वित्तपोषण में उनकी भूमिका की भी जांच कर रहा है। हाल ही में, ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग Money Laundering के कई मामलों के सिलसिले में कट्टरपंथी संगठन, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े परिसरों पर देश व्यापी छापेमारी की।

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पीएफआई के अध्यक्ष ओएम अब्दुल सलाम और राष्ट्रीय सचिव नसरुद्दीन एलमारम से जुड़े परिसरों सहित नौ राज्यों में 26 स्थानों पर तलाशी ली गई। यूपी और कर्नाटक भी कट्टरपंथी संगठन पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया में है। हालांकि, इस तथ्य पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए कि पीएफआई का जनादेश राष्ट्रव्यापी है और आंशिक राज्य विशिष्ट प्रतिबंध केवल अन्य राज्यों में इसे प्रोत्साहित कर सकता है। राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध जैसा ठोस कदम इस चरमपंथी संगठन के प्रसार को रोकने की क्षमता रखता है। राष्ट्र का भविष्य राष्ट्र के हितों की रक्षा के लिए एक स्पष्ट दृष्टि के साथ सत्ता में बैठे लोगों के कंधों पर निर्भर करेगा।
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