बता दें कि भारत की प्रमुख जांच एजेंसी-राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA वर्तमान में पीएफआई पर विभिन्न मामलों की जांच कर रही है। एनआईए आमतौर पर उन मामलों की जांच करती है जिनके पूरे भारत में निहितार्थ होते है। 2017 में एनआईए ने पीएफआई के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून 1967 के तहत गैर कानूनी करार दिये गये आतंकी संगठन आईएसआईएस के सदस्य बनने के कारण और उनको मदद पहुंचाने के कारण मामला दर्ज किया गया था। मामला जांच के अधीन है। एनआईए के अलावा, प्रवर्तन निदेशालय ED भी कई मामलों में PFI की जांच कर रहा है, जिसमें CAA विरोधी हलचल और पूर्वाेत्तर दिल्ली दंगों में इसकी भूमिका और 2018 में विदेशी फंडिंग का मामला शामिल है। ED, PFI और भीम आर्मी के बीच कथित संबंधों और उत्तर भारत में दलित अशांति के वित्तपोषण में उनकी भूमिका की भी जांच कर रहा है। हाल ही में, ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग Money Laundering के कई मामलों के सिलसिले में कट्टरपंथी संगठन, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े परिसरों पर देश व्यापी छापेमारी की।