इसलिए मिला राष्ट्रपति वीरता अवार्ड 10 जनवरी 2016 को साहिबाबाद के इंडस्ट्रियल क्षेत्र में अगरबत्ती बनाने वाली एक फैक्ट्री में भीषण आग लग गई थी। उस समय अजय कुमार शर्मा हिंडन अग्निशमन केंद्र के एफओ के पद पर तैनात थे। आग की सूचना पर अजय कुमार शर्मा अपनी टीम के साथ मौके पर पहंचे और जान पर खेलकर आग पर काबू पाया इस दौरान उन्होंने एक दर्जन से अधिक पुरूष और महिलाओं की जान बचाई थी। उनके इस अदम्य साहस पर गाजियाबाद पुलिस ने इनका नाम राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार के लिए भेजा था। भारत सरकार ने अब दो साल उन्हें यह पुरस्कार दिया है।
दूसरी बार मिला यह पुरस्कार अजय कुमार शर्मा ने इससे पहले भी राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार प्राप्त किया है। 2011 में जब वे मुजफ्फरनगर में तैनात थे उस दौरान उन्हें 26 जनवरी 2011 को इसी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। अजय शर्मा को 26 जनवरी 2016 को डीजीपी सराहनीय सेवा मैडल भी मिल चुका है। मूल रूप से संभल के रहने वाले अजय कुमार शर्मा 1997 में उप्र पुलिस में भर्ती हुए थे। इसके बाद वे पश्चिम उप्र के विभिन्न जिलां जैसे सहारनपुर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और पूर्वी यूपी के सिद्धार्थ नगर में तैनात रह चुके हैं। मेरठ के सीएफओ के अलावा आगरा और गाजियाबाद के सीएफआे को भी राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार दिया गया है।