यह भी पढ़ेंः मेरठ में पकड़ा गया करोड़ों का पांडा का मीट, इसका इस्तेमाल यहां करने ले जा रहे थे तस्कर चीन, हांगकांग और बैंकाक सप्लार्इ वन विभाग के सूत्रों की मानें तो पकड़े गये तस्कर ने स्वीकार किया कि वह मीट की सप्लाई दूसरे अन्य राज्यों के लोगों को करते थे, वहां से मीट की सप्लाई देश के बाहर चीन, हांगकांग और बैंकाक जैसे देशों में की जाती थी। चीन के लोग मेरठ के पांडा का मीट बड़े शौक से खाते हैं। वे भारतीय पांडा के मीट के दीवाने हैं। उत्तरी भारत का पांडा मिल जाए तो कहने ही क्या।
यह भी पढ़ेंः योगी की पुलिस ने 60 घंटे के ‘आॅपरेशन क्लीन’ में इतने बदमाशों को गोली मारी, देखिए वीडियाे विदेश में तीस हजार रुपये किलो तस्कर ने बताया कि वे पांडा का मीट पांच हजार रुपये किग्रा के हिसाब से बेचते थे। इसके बाद यह विदेश में पहुंचते-पहुंचते तीस हजार रूपये किग्रा तक पहुंच जाता था। चूंकि इसका मीट हल्का होता है इसलिए एक किग्रा में यह काफी मात्रा में होता है। वहीं इसको अधिक नहीं खाया जा सकता। इसलिए इसकी विदेश में कई डिशेज तैयार की जाती है। चीनी लोग इसको सूप की तरह पीते हैं और इस्तेमाल करते हैं। वन विभाग की डीएफओ अदिति शर्मा ने बताया कि हस्तिानापुर रेंज में दुर्लभ प्रजाति के पांडा काफी संख्या में हैं। उन्हें काफी समय से सूचना मिल रही थी कि उसका मीट तस्करी किया जा रहा है। सूचना के आधार पर ही तस्कर को पकड़ा गया है।