यह भी पढ़ेंः कोरोना और रामनवमी के कारण 5 अप्रैल तक पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द, एडीजी जोन ने दिए ये निर्देश गगोल रोड पर स्थित फैक्ट्री पर काम करने वाले लोगों ने बताया कि वे वहीं पर रहते हैं। रविवार की रात में करीब दो बजे उनको किसी जानवर के गुर्राने की आवाज सुनाई दी। जब उन्होंने फैक्ट्री परिसर की छत पर चढ़कर बाहर देखा तो सड़क के किनारे तेंदुआ घूम रहा था। जिसे देखकर वे दहशत में आ गए। फैक्ट्री कर्मचारियों ने बताया कि तेंदुआ काफी देर तक बैठा रहा। जिसके बाद उन्होंने कंट्रोल रूम और परतापुर पुलिस को इसकी सूचना दी। जब पुलिस पहुंची तो तेंदुआ निकल चुका था। परतापुर इंस्पेक्टर एपी मिश्रा के अनुसार मौके पर पुलिस पहुंची थी तो पता चला कि तेंदुआ गगोल रोड पार करके हवाई पट्टी की तरफ जंगल में जा चुका था।
यह भी पढ़ेंः मेरठ में दो पक्षों के बीच पथराव के बाद हुई फायरिंग और आगजनी, 12 लोग घायल लोगों ने अंदेशा जताया कि कहीं सन्नाटे के चलते तेंदुआ शहर की तरफ न आ जाए। इस संबंध में डीएफओ ने बताया कि वन विभाग की टीम सर्च कर रही है। हालांकि अभी सूचना नहीं मिली है, लेकिन एहतियात बरती जा रही है। बता दें कि मेरठ महानगर में इससे पहले भी तेंदुआ घुस आया था। 2016 में कैंट एरिया में घुसे तेंदुआ ने कई दिनों तक दहशत पैदा की थी। वह रात में दिखाई देता था। जिसके चलते शाम को ही कैंट के इलाकों में सन्नाटा पसर जाता था। इसके बाद वह तेंदुआ कहां गया आजतक किसी को पता नहीं चल सका। डीएफओ अदिति शर्मा का कहना है कि उन्होंने टीम को तेंदुआ के आने की जांच के लिए लगाया है। जिस जगह पर तेंदुआ आने की बात कहीं गई है। वहां के मिट्टी के नमूने जांच के लिए लिए गए हैं।