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इस बीमारी के चलते डेढ़ साल की मासूम को लगेगा 22 करोड़ का इंजेक्शन, गरीब पिता ने लगाई मदद की गुहार

locationमेरठPublished: Feb 25, 2021 03:24:35 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

Highlights:
— ईशानी को है स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी बीमारी
— दुनिया में सिर्फ स्विटजरलैंड में बनता है इंजेक्शन
— जोलाबेन्स्मा के 22 करोड़ के इंजेक्शन से बचेगी जान

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पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क

मेरठ। मेरठ में रहने वाली डेढ साल की ईशानी को एक गंभीर बीमारी हो गई है। इस बीमारी का नाम है स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी। जिसे ठीक करने के लिए उसे 22 करोड का एक इंजेक्शन लगाना पड़ेगा। दिल्ली के एम्स में मेरठ की ईशानी का इलाज चल रहा है। ईशानी के पिता अभिषेक एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। ईशानी के पिता ने अपनी बेटी की जान बचाने के लिए सोशल मीडिया पर गुहार लगाई है। जिससे कि उसकी बच्ची का इलाज हो सके।
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बता दें कि ईशानी के पिता अभिेषेक ब्रहमपुरी के रहने वाले हैं। अभिषेक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं, जबकि उनकी पत्नी हाउस वाइफ हैं। ईशानी का जन्म 27 अगस्त 2019 को हुआ था। पिता अभिषेक ने बताया है कि जन्म के बाद सात से आठ महीने तक ईशानी एक सामान्य बच्चे की तरह थी। लेकिन इसके बाद उसके पैर धीरे-धीरे काम करना बंद करने लगे। अब उसकी उम्र डेढ़ साल है। इस समय पैर बिल्कुल भी काम नहीं करता है। थोड़ी सी हरकत पैरों के पंजों में है। इस बीमारी का असर इशानी के हाथों पर पड़ने लग गया है। सीधा हाथ बहुत कम हिल पाता है।
अभिषेक ने बताया कि वह 26 दिसंबर को एम्स गए थे। लेकिन जुलाई तक इंतजार करने को कहा गया था। इसके बाद वह ईशानी को गंगाराम अस्पताल गए। 26 दिसंबर को उसने अपना ब्लड सैंपल दिया। यह रिपोर्ट 12 जनवरी को आई और डॉक्टरों ने ”स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी” के स्टेज 2 की पुष्टि की। बेटी के पास इस बीमारी की सिर्फ एक दवा है, जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपये है। फंड जुटाने के लिए मिलाप और उन्होंने इंपेक्ट गुरु का सहारा लिया।
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उन्होंने बताया कि स्विटजरलैंड की कंपनी ”नोवार्टिस जोलगेन्स्मा” इंजेक्शन तैयार करती है। इसकी कीमत 16 करोड़़ है। भारत मंगाने पर साथ में 8 करोड़ का टैक्स भी लगेगा। नोवार्टिस कंपनी दुनियाभर के 50 लोगों को यह दवाई मुफ्त में देती है, लेकिन वह रेंडमली सेलेक्टेड मरीजों को ही मिलती है। लेकिन उसके लिए इंतजार करना बेटी की जान के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। इसीलिए उन्होंने देशवासियों से मदद की गुहार लगाई है।
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