यह भी पढ़ेंः मोदी सरकार के बजट पर किसानों की इस मांग पर नहीं दिया ध्यान, कह दी ये बड़ी बात, देखें वीडियो मेरठ के गंगा नगर निवासी राजकरन ने कहा कि मेरठ चूंकि देश के अन्य हिस्सों से अलग हटकर है। इसलिए रेलवे के लिए कभी भी यह महानगर प्राथमिकता में नहीं रहा। उनका कहना है कि लेकिन मेरठ को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मेरठ एक औद्योगिक महानगर है। यहां के स्पोर्ट्स का सामान और खद्दर का व्यापार विश्व प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि मेरठ से यदि देश के किसी हिस्से में रेल द्वारा जाना होता है तो यहां के लोगों को गाजियाबाद, दिल्ली या फिर आनंदविहार रेलवे स्टेशन जाना पड़ता है। जिसमें काफी परेशानी होती है। मेरठवासियों के लिए ही नहीं पश्चिम के किसी भी हिस्से के लिए रेलवे बजट में कोई नई सुविधा नहीं प्रदान की गई। उन्होंने कहा मेरठ लघु उद्योगों का भी हब है।
यह भी पढ़ेंः मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस-वे के तोहफे के बावजूद ये हल नहीं मान रहे यहां के लोग, भाजपा के दिग्गज नेता ने ही कह दी इतनी बड़ी बात मुख्य ट्रैक पर न होने से भी यह महानगर सरकार के विकसित एजेंडे में नहीं रहता। इसके लिए यहां के जनप्रतिनिधियों को आगे आकर काम करना होगा। यहां के व्यापारियों को माल भेजने के लिए भी सीधा कोई साधन नहीं है। माल भेजने के लिए भी व्यापारियों को या तो गाजियाबाद या फिर दिल्ली की ओर भागना होता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने नई ट्रेनें भी बजट में नहीं बढ़ार्इ है, लेकिन सरकार को यह करना चाहिए कि जो ट्रेनें चल रही हैं उनको ही सही समय पर ले आए। आजकल ट्रेनों की लेटलतीफी से यात्री बहुत परेशान हैं। मोदी सरकार ने मेरठ खासकर पश्चिम उप्रवासियों के साथ धोखा किया है।