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मौनी अमवस्या पर 70 साल बाद बन रहा महोदय योग, सिर्फ एक दान जीवन से खत्म कर देगा दरिद्रता

locationमेरठPublished: Feb 11, 2021 12:08:28 pm

Submitted by:

shivmani tyagi

11 फरवरी को पड़ रही है मौनी अमावस्या
नदी या सरोवर में स्नान से करना शुभ फलदायी
महोदय योग में दान करने से मिलेगा सौ गुना पुण्य

MOUNI AMAVASYA

MOUNI AMAVASYA

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ. ज्योतिषशास्त्र में मौनी अमावस्या ( Mouni Amavasya ) का अपना विशेष महत्व है। इस बार माघ महीने में पड़ने वाली अमावस्या महोदय योग में आ रही है। ऐसे में इसका महत्व और बढ़ जाता है। यह महोदय योग 70 साल बाद अमावस्या के दिन लग रहा है।
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माघ महीने में पड़ने वाली इस अमावस्या को मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या के नाम से भी जानते हैं। इस साल माघ की मौनी अमावस्या 11 फरवरी 2021 को पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ पीपल के पेड़ की पूजा करना अति लाभकारी माना जाता है। मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने और कटु शब्दों को न बोलने से मुनि पद की प्राप्ति होती है। पंडित अनिल बाजपेयी शास्त्री कहते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी या कुंड में स्नान करना शुभ फलदायी माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, माघ अमावस्या के दिन संगट तट और गंगा पर देवी-देवताओं का वास होता है।
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उन्होंने बताया कि इस बार मौनी अमावस्या के दिन श्रवण नक्षत्र में चंद्रमा और छह ग्रह मकर राशि में होने महासंयोग बना रहे हैं। इस शुभ संयोग को महोदय योग कहते हैं। मान्यता है कि महोदय योग में कुंभ में डुबकी और पितरों का पूजन करने से अच्छे फलों की प्राप्ति होती है। इस योग में दान-पुण्य करने से भी हजारों गुना अधिक लाभ मिलता है।
मौनी अमावस्या व्रत नियम
मौनी अमावस्या के दिन सुबह स्नान नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। इस दिन व्रत रखकर जहां तक संभव हो मौन रहना चाहिए। गरीब व भूखे व्यक्ति को भोजन अवश्य कराएं। अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गौशाला में गाय के लिए भोजन का दान करें। यदि अमावस्या के दिन गौदान, स्वर्ण दान या भूमि दान भी कर सकते हैं। हर अमावस्या की भांति माघ अमावस्या पर भी पितरों को याद करना चाहिए। इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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