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Krishna Janmashtami: विशेष लाइटों से जगमगाए मंदिर, नंद गोपाल की भक्ति में लीन हुए श्रद्धालु 24 साल पहले शुरू ‘आशा’ सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि 24 वर्ष पहले इस आशा संगठन शुरू हुआ था। स्वास्थ्य विभाग में लाने का मुख्य उद्देश्य गांव और दूर-दराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाना था। आज ग्रामीण क्षेत्र में आशाओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हैं। चाहे वो जननी सुरक्षा योजना हो या फिर अन्य कोई योजनाएं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में आशा की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। शिशु मृत्यु दर और जननी मृत्युदर में काफी कमी आई है। यह सब ‘आशा’ के कारण ही संभव हो सका।
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#DebateinCollege : प्राचीन काल से चार भागों में बंटी शिक्षा, लेकिन यह दो विषय अब रह गए पीछे मेरठ को मिला है पांचवां स्थान सांसद ने बताया कि जनपद को पूरे प्रदेश में पांचवां स्थान मिला है, जो कि हमारे लिए खुशी की बात है। यह सब बिना आशा के नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि संस्थागत प्रसव में भी बढ़ोतरी हुई है। इसमें ‘आशा’ बहनों का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि हम शून्य मृत्यु दर तक पहुंचे यह हमारी कामनाएं हैं। सीएमओ डा. राजकुमार ने कहा कि ‘आशा’ का स्वास्थ्य की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में विशेष योगदान है। वहीं सीडीओ ईशा दूहन ने कहा कि आज आशाएं स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ बनी हुई हैं। विभाग की कोई भी योजना हो बिना आशाओं के पूरी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि यह स्वास्थ्य विभाग की ही नहीं अन्य योजनाओं को भी पूरा करने में सहयोग देती है।