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2019 लोक सभा चुनाव के लिए भाजपा ने ‘संस्कृति’ को लेकर खेला ये मास्टर स्ट्रोक, विपक्षी हैं हैरान, देखें वीडियो बच्चों की फीस भरोसे चल रहा स्कूल गांव बहादुरपुर के भीतर घुसते ही शुरूआती छोर पर बने इस स्कूल की स्थापना को करीब 30 साल हो गए। वित्तविहीन इस स्कूल का पूरा खर्च स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों के भरोसे ही चल रहा है। एक बच्चे से 80 रूपये महीना फीस के लिए जाते हैं। उन्हीं फीस से एकत्र धनराशि से स्कूल में पढ़ाने वाले अध्यापकों और स्कूल के मरम्मत के अलावा अन्य जरूरी खर्चे पूरे किए जाते हैं।
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मायावती आैर अखिलेश के इन खास सिपाहियों ने इनका इलाज बांधने की दी चेतावनी, कहा- हम दोनों ही काफी तालाब बन जाती हैं क्लासें थोड़ा और भीतर जाकर स्कूल के बारे में जानने की कोशिश के तहत पत्रिका टीम स्कूल की क्लास से रूबरू हुई। क्लास में छत के बीचों बीच अनगिनत सुराखों से भगवान भास्कर की असंख्य किरणें अंधेरी क्लास की फर्श पर रोशनी फैला रही थी। अध्यापकों ने बताया कि सर्दी के मौसम में तो ठीक है, लेकिन गर्मी और बरसात के मौसम में तो इन कक्ष में पढ़ाई मुश्किल हो जाती है। बरसात के दिनों में क्लास लबालब भरी रहती है। क्लास तालाब बन जाती है। जिसके चलते स्कूल की छुट्टी कर देनी पड़ती है। गर्मी में इन सूरज की किरणों से बच्चों को बचाने के लिए इधर-उधर बैठाना होता है।
बरसात और गर्मी में छाते के नीचे पढ़ार्इ अध्यापक बताते हैं कि बरसात और गर्मी में मौसम से बचने के लिए कई छात्र तो अपने घर से छाता लेकर आते हैं और वे छाते के नीचे बैठकर अध्यापन कार्य करते हैं। प्रधानाचार्य रणवीर सिंह बताते हैं कि स्कूल का खर्चा बच्चों की फीस से ही निकलता है जो कि प्रति बच्चा 80 रूपये है। बरसात और गर्मी के दिनों में हम खुद बच्चों से कहते हैं कि वे अपने घरों से छाता लेकर आए।
बिना बेंच और धूल-गंदगी के बीच बना रहे भविष्य स्कूल की बेंच जर्जर हालात में हैै। पूरे स्कूल में किसी क्लास में कोई बेंच नहीं है। बच्चे धूल-गंदगी के बीच अपना भविष्य बना रहे हैं। प्रधानाचार्य राजपाल से जब बात की गई कि क्या वह कभी सांसद राजेन्द्र अग्रवाल से स्कूल की बदहाली को लेकर मिले तो उनका कहना था कि साहब मिले क्या। उनका तो रास्ता भी स्कूल के सामने से ही होकर जाता है। जब वे कभी आए ही नही तो मिले क्या। गांव वालों ने स्कूल की मरम्मत की बात सांसद के सामने रखी थी, लेकिन कुछ हुआ नहीं। स्कूल के खेल परिसर की दीवारें भी टूटी हुई हैं। जहां से जंगली जानवर भीतर घुस आते हैं खूंखार कुत्तों का कई बार छात्र शिकार भी हो जाते हैं।
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मायावती ने अपने जन्मदिन पर दिया इस पूर्व मंत्री को ये रिटर्न गिफ्ट, इसके बाद झूमे लोग आैर दिलाया ये विश्वास भाजपा सांसद के क्षेत्र में बसपा नेता का गुणगान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भाजपा सांसदों और विधायकों को मंत्र देते नहीं थकते कि वे क्षेत्र में जाकर अपनी पहचान बनाए। पार्टी की छवि को बेहतर करने का काम करें। लेकिन भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल के इस संसदीय क्षेत्र में उनके गोद लिए गांव में जब बसपा नेता की तारीफ सुनी तो अमित शाह के उपरोक्त मंत्र की याद आ गई। स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि स्कूल के लिए दो कमरों का निर्माण बसपा नेता याकूब कुरैशी ने करवाया है। वह भी तब जबकि वह न तो सांसद हैं और न इस क्षेत्र का विधायक। जबकि इस गांव का विधायक और सांसद दोनों भाजपाई है।
बोले सांसद इस बारे में जब सांसद राजेन्द्र अग्रवाल से बात की गई तो उनका कहना था कि उनको इस स्कूल के बारे में कोई जानकारी नहीं है। स्कूल की समस्या को लेकर कोई उनके पास नहीं आया।