मुन्ना बजरंगी की शरण में पहुंचा था सुनील बताया जा रहा है कि करीब 18 साल पहले दिल्ली और यूपी की पुलिस से बचने के लिए सुनील राठी मुन्ना बजरंगी की शरण में पहुंचा था। मुन्ना के इशारे पर ही उसके गुर्गों ने सुनील को शरण देकर पुलिस से उसकी जान बचाई थी। यह जून 2000 का मामला है। सुनील राठी ने पिता नरेश राठी की हत्या का बदला लेने को टीकरी में दो लोगों की हत्या कर दी थी। इसके साथ ही उसने अपराध की दुनिया में दस्तक दी थी।
दिल्ली के शोरूम में की थी लूटपाट बताया जा रहा है कि पैसे की तंगी और अपनी सुरक्षा का इंतजाम करने के लिए उसने इस घटना के दो माह बाद ही दिल्ली में एक शोरूम में लूटपाट के दौरान तीन लोगों की हत्या कर दी थी। इसके बाद रंगदारी और हत्या समेत कई सनसनीखेज वारदात को उसने अंजाम दिया। इसके चलते तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड की पुलिस सुनील के पीछे पड़ गई। पुलिस का शिकंजा कसता देख वह अपनी जान बचाने के लिए पूर्वांचल चला गया।
मुन्ना के गुर्गे के ठिकाने पर ली थी शरण वहां वह कुख्यात मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी के संपर्क में आया। बताया जाता है कि मुन्ना बजरंगी ने इलाहाबाद में अपने गुर्गे के ठिकाने पर सुनील राठी को शरण दिलाई थी। हालांकि, उस वक्त खुद मुन्ना बजरंगी भी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में फरार था। ऐसा करके मुन्ना ने सुनील की जान बचाई थी। इसके बाद अब 9 जुलाई को सुबह सुनील राठी ने मुन्ना की गोली मारकर हत्या कर दी। लेकिन सुनील राठी इस तरह मुन्ना बजरंगी के अहसान का बदला चुकायेगा यह भी उसने सोचा नहीं होगा। मुन्ना बजरंगी की हत्या उसी ने की जिसकी कभी उसने जान बचाई थी। हालांकि, इस मामले में एक पूर्व सांसद का नाम भी लिया जा रहा है लेकिन अभी तक कोई पुख्ता वजह सामने नहीं आई है। बताया जा रहा है कि इस काम के लिए 10 करोड़ रुपये की सुपारी दी गई है।