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मुस्लिम बुद्धिजीवी बोले- NPR देशहित में, अल्पसंख्यक न करें इसका विरोध

locationमेरठPublished: Jun 21, 2021 03:56:23 pm

Submitted by:

lokesh verma

National Population Register को लेकर हुई वेबिनार में विभिन्न प्रांतों से बुद्धिजीवियों ने लिया हिस्सा

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ. राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को लेकर काफी समय से पक्ष और विपक्ष में आवाजें उठती रही हैं। कई संगठनों के साथ ही अल्पसंख्यकों द्वारा भी इसके विरोध में प्रदर्शन होते रहे हैं। लेकिन, अब धीरे-धीरे एनपीआर के पक्ष में हवा हो रही है। इसी को लेकर एक वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने एनपीआर को महत्वपूर्ण दस्तावेज बताते हुए लोगों से इसका विरोध नहीं करने की अपील की। वेबिनार की अध्यक्षता मेरठ अजराडा निवासी रेलवे बोर्ड के पूर्व सदस्य इरफान अहमद ने की। वेबिनार में विभिन्न प्रांतों से बुद्धिजीवियों ने भाग लिया।
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इस दौरान इरफान अहमद ने कहा कि एनपीआर का उद्देश्य देश में प्रत्येक सामान्य निवासी को पंजीकृत करके पूर्ण पहचान और अन्य विवरण के साथ देश में एक व्यापक पहचान डेटाबेस बनाना है। इससे सरकारी योजनाओं कार्यक्रमों के तहत लाभ और सेवाओं को बेहतर ढंग से प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एनपीआर से योजना में सुधर और पहचान धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसे असम को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अप्रैल से सितंबर 2020 के दौरान जनगणना 2021 के अनुसार लागू किया जाना था। इसका उद्देश्य भारतीय नागरिकता की पहचान के साथ ही बेहतर सुविधाएं प्रदान करने व सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ देने के लिए है।
वेबिनार में भाग लेते हुए राशिद सिद्दीकी ने कहा कि एनपीआर में देश के निवासियों को खुद को पंजीकृत करने के लिए किसी भी आईडी को जमा करने की जरूरत नहीं है। उनके द्वारा दस्तावेज प्रमाण द्वारा प्रदान की गई जानकारी एनपीआर में खुद को पंजीकृत करने के लिए पर्याप्त होगी। उन्होंने अल्पसंख्यकों से कहा कि देश के एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते सभी की जिम्मेदारी है कि वे बिना किसी विरोध के एनपीआर पंजीकरण में रिकॉर्डिंग के लिए अपने विवरणों के बारे में जानकारी दें। इससे एनपीआर नागरिकों के लिए फायदेमंद होगा। उन्होंने कहा कि एनपीआर के बारे में राजनीतिक हित वाले लोगों द्वारा गुमराह किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि इससे किसी को गुमराह होने या विरोध करने की जरूरत नहीं है।
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