यह भी पढ़ें- यूपी एटीएस की बड़ी कामयाबी! जबरन धर्मांतरण कराकर मुस्लिम बनाने वाले आरोपी गिरफ्तार, पूरे यूपी में फैला है जाल इस दौरान इरफान अहमद ने कहा कि एनपीआर का उद्देश्य देश में प्रत्येक सामान्य निवासी को पंजीकृत करके पूर्ण पहचान और अन्य विवरण के साथ देश में एक व्यापक पहचान डेटाबेस बनाना है। इससे सरकारी योजनाओं कार्यक्रमों के तहत लाभ और सेवाओं को बेहतर ढंग से प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एनपीआर से योजना में सुधर और पहचान धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसे असम को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अप्रैल से सितंबर 2020 के दौरान जनगणना 2021 के अनुसार लागू किया जाना था। इसका उद्देश्य भारतीय नागरिकता की पहचान के साथ ही बेहतर सुविधाएं प्रदान करने व सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ देने के लिए है।
वेबिनार में भाग लेते हुए राशिद सिद्दीकी ने कहा कि एनपीआर में देश के निवासियों को खुद को पंजीकृत करने के लिए किसी भी आईडी को जमा करने की जरूरत नहीं है। उनके द्वारा दस्तावेज प्रमाण द्वारा प्रदान की गई जानकारी एनपीआर में खुद को पंजीकृत करने के लिए पर्याप्त होगी। उन्होंने अल्पसंख्यकों से कहा कि देश के एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते सभी की जिम्मेदारी है कि वे बिना किसी विरोध के एनपीआर पंजीकरण में रिकॉर्डिंग के लिए अपने विवरणों के बारे में जानकारी दें। इससे एनपीआर नागरिकों के लिए फायदेमंद होगा। उन्होंने कहा कि एनपीआर के बारे में राजनीतिक हित वाले लोगों द्वारा गुमराह किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि इससे किसी को गुमराह होने या विरोध करने की जरूरत नहीं है।