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RSS प्रचारक को गुरू बनाकर शाहीन तोड़ रही मुस्लिम महिलाओं की अज्ञानता की बेड़ियां

locationमेरठPublished: Jul 17, 2020 10:42:00 am

Submitted by:

Rahul Chauhan

Highlights:
-हर वर्ष गुरू पूर्णिमा पर करती है आरएसएस प्रचारक की पूजा
-बोली-धर्मगुरूओं ने इसका काफी विरोध किया
-वह अपने निर्णय से नहीं हटी

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केपी त्रिपाठी/मेरठ। आरएसएस का नाम आते ही हिन्दू कट्टरवादिता की एक छवि उभर आती है। लेकिन मेरठ में एक मुस्लिम महिला ऐसी भी है, जिन्होंने आरएसएस के प्रचारक को अपना गुरू बना लिया है। ये मुस्लिम महिला आरएसएस के इन प्रचारक से इतना प्रभावित हुई कि अब हर गुरूपूर्णिमा पर उनकी पूजा करती है और उनका आर्शिवाद भी लेती है। इस मुस्लिम महिला का नाम है एडवोकेट शाहीन। शाहीन ने जिन्हें अपना गुरू बनाया है उनका नाम है डा. इंद्रेश कुमार। डा. इंद्रेश इन दिनों मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयोजक हैं।
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शाहीन कहती हैं कि उन्हें अपने ऊपर गर्व है कि डा. इंद्रेश उनके गुरु हैं। वह आज मुस्लिम समाज को अशिक्षा, अंधविश्वास, अज्ञानता और कुरीतियों के अंधेरों से निकालने का काम कर रहे हैं। मुस्लिम बहन-बेटियों के दिलों में फैल रहे अंधेरों को दूर कर रहे हैं। शाहीन कहती हैं कि उन्होंने उम्मीद के दीप जलाए हैं और 14 सौ साल से झेल रही तलाक़-ए-बिददत की कुरीति से मुक्ति दिलाई है। मुस्लिम समाज की बेटियां उन्हें अपना पिता मानती हैं, भाई मानती हैं, गुरु मानती हैं, क्योंकि अनगिनत बेटियों और बहनों के घर उजड़े घर इन्होंने बसवाएं हैं।
धर्मगुरूओं ने किया विरोध लेकिन फिर भी डटी रहीं

एडवोकेट शाहीन कहती हैं कि जब उन्होंने डा. इंद्रेश केा अपना गुरू बनाया तो इसका मुस्लिम धर्मगुरूओं ने काफी विरोध किया। कई धर्मगुरूओं ने यहां तक कह दिया कि अगर किसी आरएसएस के नेता केा अपना धर्मगुरू बनाया तो मुस्लिम बिरादरी से बेदखल कर दी जाओगी। लेकिन इसके बाद भी वे अपने लिए निर्णय पर डटी रहीं और इंद्रेश कुमार केा अपना गुरू बनाने के साथ ही धर्मगुरूओं का भी डटकर सामना किया।
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हर वर्ष करती हैं गुरूपूर्णिमा पर पूजा

एडवोकेट शाहीन कहती हैं कि वे प्रतिवर्ष गुरूपूर्णिमा पर डा. इंद्रेश की पूजा करती हैं। उनका आर्शिवाद लेती हैंं। उन्होंने कहा कि गुरू के बताए मार्ग पर आज वे आगे बढ़ रही हैं। जिनमें खतरे और कांटे हैं। शाहीन कहती हैं कि आए दिन उनको मुस्लिम समाज के ठेकेदारों से धमकियां मिलती रहती हैं। लेकिन इसके बाद भी वे अपने मकसद में आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि गुरू किसी भी धर्म के व्यक्ति को बनाया जा सकता है। यह हमारे कुरान और मजहब मे भी लिखा हुआ है।
धर्म के ठेकेदारों ने खींची है दीवार

एडवोकेट शाहीन कहती हैं कि धर्म के कुछ तथाकथित ठेकेदारों ने दीवार खींची हुई है। जो कि नहीं चाहते कि मुस्लिम समाज की महिलाएं अज्ञानता की बेड़ी से बाहर निकले। वे इसी पर काम कर रही है। अपने गुरू की प्रेरणा से आज मुस्लिम समाज की महिलाओं केा जागरूक करने का काम कर रही हैं।

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